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मुस्लिम युवक ने स्वीकार की सनातन परंपरा, लिंग दीक्षा लेकर बना लिंगायत - Shivarathri

विजयवाड़ा के एक मुस्लिम युवक ने लिंग दीक्षा ग्रहण की है. युवक ने शैव परंपराओं की संस्कृति और दर्शन से आकर्षित होकर लिंग दीक्षा ली है. यह लिंगायत समुदाय का एक धर्म संस्कार है. जगद्गुरु ने श्रीशैलम में मोहम्मद को लिंग दीक्षा दी. जिसके बाद दीक्षा ग्रहण करने वाले मोहम्मद मस्तान को शैव परंपराओं के बारे में बताया गया. उसके बाद, मोहम्मद ने श्रीशैला मल्लिकार्जुन के दर्शन किए. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Mar 13, 2021, 3:12 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक राज्य के विजयपुरा जिले में शिव संस्कृति से प्रेरित होकर एक मुस्लिम युवक ने लिंग दीक्षा ग्रहण की है. मोहम्मद को लिंगायत समुदाय में शामिल करने के लिए उसे लिंग दीक्षा गई, यह लिंगायत समुदाय का एक धर्म संस्कार है. यह दीक्षा शिवरात्रि पर श्री शैलम के विजयपुरा पीठ के जगद्गुरु डॉ. चेन्ना सिद्धाराम पंडिताराध्या भगवत्पद ने दी. दीक्षा ग्रहण करने वाले मोहम्मद मस्तान को शैव परंपराओं के बारे में बताया गया, उसके बाद, मोहम्मद ने श्रीशैला मल्लिकार्जुन के दर्शन किए.

बता दें कि मोहम्मद मस्तान विजयवाड़ा के मूल निवासी हैं. वह मुंबई में एक हर्बल व्यवसाय चलाते हैं. काफी लंबे समय से वह शैव संस्कृति से आकर्षित थे. इसी वजह से उन्होंने कई बार श्रीशैलम का दौरा किया, लेकिन जगद्गुरु से मुलाकात नहीं हो सकी.

पढ़ें : परिवार को बचाने के लिए चीते से भिड़ गया शख्स, उतारा मौत के घाट

मोहम्मद को जब पता जला कि इस बार शिवरात्रि पर जगद्गुरु श्रीशैलम में मौजूद रहेंगे, तो मोहम्मद ने मौके पर आकर इष्टलिंग दीक्षा के लिए अपनी इच्छा जाहिर की. जिसके बाद जगद्गुरु ने मोहम्मद को दीक्षा दी.

जगद्गुरु ने मोहम्मद से इष्टलिंग को हमेशा धारण करने के लिए, नियमित रूप से अनुष्ठान करने के लिए, पूजा के समय 108 बार पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण करने के लिए कहा.

बेंगलुरु : कर्नाटक राज्य के विजयपुरा जिले में शिव संस्कृति से प्रेरित होकर एक मुस्लिम युवक ने लिंग दीक्षा ग्रहण की है. मोहम्मद को लिंगायत समुदाय में शामिल करने के लिए उसे लिंग दीक्षा गई, यह लिंगायत समुदाय का एक धर्म संस्कार है. यह दीक्षा शिवरात्रि पर श्री शैलम के विजयपुरा पीठ के जगद्गुरु डॉ. चेन्ना सिद्धाराम पंडिताराध्या भगवत्पद ने दी. दीक्षा ग्रहण करने वाले मोहम्मद मस्तान को शैव परंपराओं के बारे में बताया गया, उसके बाद, मोहम्मद ने श्रीशैला मल्लिकार्जुन के दर्शन किए.

बता दें कि मोहम्मद मस्तान विजयवाड़ा के मूल निवासी हैं. वह मुंबई में एक हर्बल व्यवसाय चलाते हैं. काफी लंबे समय से वह शैव संस्कृति से आकर्षित थे. इसी वजह से उन्होंने कई बार श्रीशैलम का दौरा किया, लेकिन जगद्गुरु से मुलाकात नहीं हो सकी.

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मोहम्मद को जब पता जला कि इस बार शिवरात्रि पर जगद्गुरु श्रीशैलम में मौजूद रहेंगे, तो मोहम्मद ने मौके पर आकर इष्टलिंग दीक्षा के लिए अपनी इच्छा जाहिर की. जिसके बाद जगद्गुरु ने मोहम्मद को दीक्षा दी.

जगद्गुरु ने मोहम्मद से इष्टलिंग को हमेशा धारण करने के लिए, नियमित रूप से अनुष्ठान करने के लिए, पूजा के समय 108 बार पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण करने के लिए कहा.

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