मुजफ्फरनगर: जिला कारागार के कुल 218 मुस्लिम कैदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा. इसको लेकर जेल प्रशासन की तरफ से खास इंतजाम किए गए. जेल में बंद 200 से ज्यादा मुस्लिम कैदियों ने भी हिंदू कैदियों के साथ नौ दिन तक चलने वाली नवरात्रि में उपवास रखा. जेल अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम कैदियों का यह कार्य हिंदू कैदियों के प्रति उनकी भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका है.
ज्ञात हो कि रमजान के पवित्र माह में सुबह से लेकर शाम तक रोजा रखने वालों में कई हिंदू कैदी भी शामिल थे. जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि कैंटीन में व्रत रखने वाले कैदियों के लिए कई तरह के फल, दूध, कुट्टू के आटे की बनी पूड़ी, चाय और अन्य सामान उपलब्ध करवाया जा रहा है. उपवास रखने वाले कैदियों का कहना है कि वह संस्कृति और धर्मों की एकता में विश्वास करते हैं. इसी विश्वास ने उन्हें उपवास रखने के लिए प्रेरित किया है.
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कैदियों ने बताया कि बाहर के लोगों को भी यह देखकर सीखना चाहिए कि जेल में कैसे सांप्रदायिक सद्भाव के साथ त्योहारों को मनाया जाता है. हम सभी एक ही सांस्कृतिक परिवेश में साथ-साथ रहते हैं और सह अस्तित्व में ही हम सभी को रहना चाहिए.
उपवास रखने वाले एक मुस्लिम कैदी ने कहा कि हम सभी सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम रखने में काफी गर्व की अनुभूति महसूस करते हैं. अगर जेल के हमारे हिंदू भाई रमजान के पवित्र महीने में रोजा रख सकते हैं तो फिर हम लोग नवरात्रि में उपवास क्यों नहीं रख सकते. प्यार का जवाब प्यार ही होता है, नफरत नहीं.