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गुजरात : नगर निगम चुनावों में राजनीतिक दलों ने जमकर उतारे मुस्लिम उम्मीदवार

राज्य के छह नगर निगमों के चुनाव के लिए प्रचार पूरे जोरों पर है. अबकी पहली बार एआईएमआईएम के उम्मीदवारों के साथ ही भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. आइए निकाय चुनावों में सभी राजनीतिक दलों द्वारा उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों पर एक नजर डालें.

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Published : Feb 15, 2021, 10:31 PM IST

अहमदाबाद : भाजपा ने अहमदाबाद में कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से भी नहीं. कांग्रेस ने 26 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. पहली बार चुनाव मैदान में उतरने वाले दो दलों आम आदमी पार्टी ने 19 मुस्लिम उम्मीदवार और AIMIM ने 60 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.

सूरत में जहां पिछले 25 वर्षों से भाजपा सत्ता में है, कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. सूरत महानगरीय शहर है, इसे 'मिनी इंडिया' भी कहा जाता है. सूरत में मुसलमानों की आबादी सात लाख है. सूरत का एक वार्ड ऐसा है जहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि कांग्रेस हर चुनाव में मुस्लिम समुदाय को प्रतिनिधित्व देती है. मुसलमानों की आबादी बेगमपुरा, सलाबतपुरा, रुस्तमपुरा, महिधरपुरा, अंजना, लिंबायत, रंदर जैसे क्षेत्रों में है. कांग्रेस ने 2015 में पिछले निकाय चुनाव में दस मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया था और इस बार भी उसने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. बीजेपी जाति-गणना के आधार पर उन उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है जो इन क्षेत्रों में कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.

वडोदरा में 16 मुस्लिम उम्मीदवार

सूरत की तरह वडोदरा में भी भाजपा ने कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. 2015 में कांग्रेस ने वार्ड नंबर 7 से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा था और उन्होंने चुनाव जीता था. कांग्रेस ने उन्हें इस बार दोहराया है. वडोदरा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी 16 मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

भावनगर में कांग्रेस और आप उतारे मुस्लिम उम्मीदवार

बीजेपी ने पिछली बार की तरह एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. कांग्रेस ने छह मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया है और आम आदमी पार्टी ने भी छह उम्मीदवारों को उतारा है. एनसीपी ने भी कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है.

जामनगर में 31 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में

जामनगर में कांग्रेस ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. उनमें से चार को दूसरे कार्यकाल के लिए दोहराया गया है. हैरानी की बात यह है कि बीजेपी ने इस बार अल्पसंख्यक समुदाय से पांच उम्मीदवार उतारे हैं.

जातिगत समीकरण को देख मिले टिकट

जामनगर में भाजपा और कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को उन क्षेत्रों में खड़ा कर दिया है जहां समुदाय की मजबूत उपस्थिति है. आम आदमी पार्टी ने 11 उम्मीदवार उतारे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने भी अल्पसंख्यक समुदाय के पांच उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. राजकोट में कांग्रेस ने तीन मुस्लिम उम्मीदवार, आप ने दो जबकि भाजपा ने किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली पुलिस का बयान, दिशा रवि ने टेलीग्राम के जरिए ग्रेटा को भेजी थी टूलकिट

बीजेपी ने नहीं उतारा मुस्लिम उम्मीदवार

कांग्रेस ने राजकोट नगर निगम चुनावों में तीन मुस्लिम उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी ने दो मुस्लिमों को मैदान में उतारा है. लेकिन भाजपा ने किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. हालांकि, पिछले चुनाव में इसने सोफियाबेन को टिकट दिया था जिन्होंने जीत हासिल की थी. इस बार उन्हें भी भाजपा ने टिकट से वंचित कर दिया.

अहमदाबाद : भाजपा ने अहमदाबाद में कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से भी नहीं. कांग्रेस ने 26 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. पहली बार चुनाव मैदान में उतरने वाले दो दलों आम आदमी पार्टी ने 19 मुस्लिम उम्मीदवार और AIMIM ने 60 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.

सूरत में जहां पिछले 25 वर्षों से भाजपा सत्ता में है, कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. सूरत महानगरीय शहर है, इसे 'मिनी इंडिया' भी कहा जाता है. सूरत में मुसलमानों की आबादी सात लाख है. सूरत का एक वार्ड ऐसा है जहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि कांग्रेस हर चुनाव में मुस्लिम समुदाय को प्रतिनिधित्व देती है. मुसलमानों की आबादी बेगमपुरा, सलाबतपुरा, रुस्तमपुरा, महिधरपुरा, अंजना, लिंबायत, रंदर जैसे क्षेत्रों में है. कांग्रेस ने 2015 में पिछले निकाय चुनाव में दस मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया था और इस बार भी उसने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. बीजेपी जाति-गणना के आधार पर उन उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है जो इन क्षेत्रों में कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.

वडोदरा में 16 मुस्लिम उम्मीदवार

सूरत की तरह वडोदरा में भी भाजपा ने कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. 2015 में कांग्रेस ने वार्ड नंबर 7 से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा था और उन्होंने चुनाव जीता था. कांग्रेस ने उन्हें इस बार दोहराया है. वडोदरा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी 16 मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

भावनगर में कांग्रेस और आप उतारे मुस्लिम उम्मीदवार

बीजेपी ने पिछली बार की तरह एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. कांग्रेस ने छह मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा किया है और आम आदमी पार्टी ने भी छह उम्मीदवारों को उतारा है. एनसीपी ने भी कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है.

जामनगर में 31 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में

जामनगर में कांग्रेस ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. उनमें से चार को दूसरे कार्यकाल के लिए दोहराया गया है. हैरानी की बात यह है कि बीजेपी ने इस बार अल्पसंख्यक समुदाय से पांच उम्मीदवार उतारे हैं.

जातिगत समीकरण को देख मिले टिकट

जामनगर में भाजपा और कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को उन क्षेत्रों में खड़ा कर दिया है जहां समुदाय की मजबूत उपस्थिति है. आम आदमी पार्टी ने 11 उम्मीदवार उतारे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने भी अल्पसंख्यक समुदाय के पांच उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. राजकोट में कांग्रेस ने तीन मुस्लिम उम्मीदवार, आप ने दो जबकि भाजपा ने किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है.

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बीजेपी ने नहीं उतारा मुस्लिम उम्मीदवार

कांग्रेस ने राजकोट नगर निगम चुनावों में तीन मुस्लिम उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी ने दो मुस्लिमों को मैदान में उतारा है. लेकिन भाजपा ने किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. हालांकि, पिछले चुनाव में इसने सोफियाबेन को टिकट दिया था जिन्होंने जीत हासिल की थी. इस बार उन्हें भी भाजपा ने टिकट से वंचित कर दिया.

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