हैदराबाद : एक युवक ने अपने दोस्त की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह जिस युवती से प्यार करता था वह उसके करीब था. यह घटना रंगारेड्डी जिले के अब्दुल्लापुरमेट इलाके में हुई. इसी महीने की 17 तारीख को हुई इस घटना से हड़कंप मच गया (Murder in Hyderabad).
आरोपी की पहचान बोडुप्पल के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हरहरकृष्ण (Haraharakrishna) के रूप में हुई है. पहले दिलसुखनगर के एक निजी जूनियर कॉलेज में हरहरकृष्ण, नवीन और वह लड़की साथ पढ़ते थे. नवीन और हरहरकृष्ण दोनों उस लड़की से प्यार करते थे, लेकिन वह युवती नवीन से प्रेम करती थी.
आरोपी हरहरकृष्ण इसे पचा नहीं सका और उसने नवीन को मारने की साजिश रची. इसी क्रम में उसने इसी माह की 17 तारीख की शाम महात्मा गांधी विश्वविद्यालय नलगोंडा में पढ़ने वाले नवीन को ओआरआर पर बुलाया और झाड़ियों में ले जाकर नवीन की हत्या कर दी.
पुलिस जांच में हुआ खुलासा : नलगोंडा स्थित महात्मा गांधी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला नवीन इसी महीने की 17 तारीख को बाहर गया था और कॉलेज नहीं लौटा तो इसकी सूचना उसके माता-पिता को मिली. 22 फरवरी को नवीन के माता-पिता की गुमशुदगी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो हत्या की साजिश का खुलासा हुआ. नवीन के दोस्तों से भी पुलिस ने पूछताछ की. बाद में पुलिस ने हरहरकृष्ण को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने ही नवीन की हत्या की है.
गला दबाकर हत्या : पुलिस ने कहा कि इसी महीने की 17 तारीख को नवीन और हरहरकृष्ण के बीच युवती को लेकर झगड़ा हुआ था. उन्होंने एक-दूसरे पर हमला कर दिया. नवीन नीचे गिर गया और हरहरकृष्ण ने नवीन का गला दबा दिया.
मृतक के परिजन ने कहा कि '17 तारीख को जब उसके दोस्त हरहरकृष्ण ने फोन कर मिलने को कहा तो नवीन चला गया. मुलाकात के दो दिन बाद भी वह घर नहीं आया. हमने 19 तारीख की रात उनके दोस्तों को फोन किया तो उन्होंने कहा कि नवीन वहां नहीं आया है. उसी दिन नवीन के चाचा का देहांत हो गया.'
उन्होंने कहा कि 'हम उनके दाह संस्कार में व्यस्त थे और सोचा कि नवीन अपने दोस्तों के साथ है. लेकिन 20 तारीख को भी नवीन का पता नहीं चला तो हमने फिर उसके दोस्तों को फोन किया. उन्होंने हमें हरहरकृष्ण का नंबर दिया, तो हमने कॉल किया. उसने अचानक यह कहते हुए फोन काट दिया कि मुझे नहीं पता. दोबारा कॉल किया तो फोन स्विच ऑफ मिला. हमें शक हुआ और 22 तारीख को पुलिस में शिकायत की तो सच सामने आ गया.'