नई दिल्ली: ईएसपीएन क्रिकइंफो के एक विशेष शो में धोनी की कप्तानी में अपने पहले आईपीएल सीजन के बारे में पूछे जाने पर मुरलीधरन ने कहा, उस समय टूर्नामेंट का पहला सीजन होने से टीम अपनी रणनीति बनाने में जुटी थी. हमारी टीम (चेन्नई सुपर किंग्स) में कई दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे, जो लंबे समय से राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
ऐसे में टीम के कप्तान धोनी ने बहुत अच्छा काम किया. वह फ्रेंचाइजी क्रिकेट में पहली बार कप्तानी कर रहे थे, लेकिन उन्हें खिलाड़ियों को समझना आता था. उनके टीम चयन अमूमन सही साबित होते थे और उनकी कप्तानी में मुझे बहुत मजा आया.
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उन्होंने कहा, अगर आप पहले सीजन को याद करें तो पिच बहुत सपाट थी. विकेट में टर्न बहुत कम था और तेज गेंदबाजों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. टीमें आसानी से 200 का आंकड़ा पार कर जाती थी और एक पारी में 150 रन बनाना एक आम बात बन चुकी थी.
इन मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद मुरलीधरन ने पहले सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया था. वह 15 मैचों में कुल 11 विकेट झटकने में कामयाब हुए थे. ऐसा कर वह सुपर किंग्स के लिए संयुक्त रूप से तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने थे.
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पहले सीजन में अपनी रणनीतियों का खुलासा करते हुए मुरलीधरन ने कहा, उस सीजन में विकेट लेने से ज्यादा रन रोकने पर ध्यान देता था. इसी वजह से मुझे विकेट भी मिल जाते थे. मैंने पहले तीन सीजन में भले ही कम विकेट लिए हो, पर मेरी इकोनॉमी बहुत अच्छी रहती थी, जिससे मैं टीम को मैच जिताने में मदद करता था.