ETV Bharat / bharat

Bulli Bai App: मुख्य आरोपी महिला को मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से हिरासत में लिया

बुली बाई (Bulli bai) ऐप मामले में मुंबई पुलिस ने मुख्य आरोपी एक महिला को उत्तराखंड से हिरासत में लिया है. इससे पहले मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने 21 वर्षीय विशाल कुमार नामक युवक को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था.

symbolic photo
प्रतीकात्मक फोटो
author img

By

Published : Jan 4, 2022, 3:21 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 8:01 PM IST

देहरादून : बुली बाई (Bulli Bai app case) ऐप मामले में मुंबई पुलिस ने मुख्य आरोपी एक महिला को उत्तराखंड से हिरासत में लिया है. इससे पहले मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने विशाल कुमार (21वर्षीय) को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था. वहीं, इस मामले में मुंबई पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी एक-दूसरे को जानते हैं.

इस मामले में मुंबई पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी महिला 'बुली बाई' एप से जुड़े तीन अकाउंट को हैंडल कर रही थी. वहीं, इस मामले सह आरोपी विशाल कुमार ने 'Khalsa supremacist' के नाम से खाता खोला था. 31 दिसंबर को इस खाते का नाम बदल दिया जो सिख नामों से मिलते-जुलते थे.

पढ़ें: 'सुली डील्स' के बाद अब आई 'बुल्ली बाई', संदिग्ध आरोपी बेंगलुरू से गिरफ्तार

क्या है बुली बाई ऐप मामला: पिछले कुछ दिनों से देश में बुली बाई (Bulli Bai app case) की चर्चा खूब हो रही है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर क्या है यह बुली बाई ऐप और क्यों इसे लेकर इतना बखेड़ा खड़ा हो रहा है. बुली बाई एप (Bulli Bai app) गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) या ऐप स्टोर (App Store) पर नहीं मिलता. यह गिटहब (Github) नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद है.

आसान शब्दों में कहें तो यहां मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. जब आप इस ऐप को ओपन करते हैं तो स्क्रीन पर मुस्लिम महिलाओं (Muslim Womens) का चेहरा नजर आता है, जिसे बुली बाई नाम दिया गया है. इसमें उन मुस्लिम महिलाओं का नाम यूज किया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. इन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को प्राइसटैग (Muslim Women Bidding) के साथ साझा किया गया है.

यही नहीं, बुली बाई नाम के एक ट्विटर (Twitter) हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा था. इस हैंडल पर मुस्लिम महिलाओं को बुक करने की भी बात लिखी गई थी. हालांकि भारत सरकार (Indian Government) के दखल के बाद अब इस ऐप (App) और इस ट्विटर हैंडल (Twitter handle) को हटा दिया गया है.

गिटहब (Github) क्या है: बुली बाई ऐप गिटहब (Github) प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद था. ऐसे में यहां ये भी समझना जरूरी है कि आखिर गिटहब क्या है. गिटहब एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म (Open Source Platform) है और यह अपने यूजर्स को कोई भी ऐप क्रिएट करने और उन्हें शेयर करने का ऑप्शन देता है. आप यहां पर्सनल या प्रोफेशनल किसी भी तरह का ऐप शेयर करने के साथ ही उसे बेच भी सकते हैं.

सुल्ली डील्स की तरह बुली बाई: अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उस हिसाब से बुली बाई ऐप बिल्कुल सुल्ली डील्स (Sulli Deals) की तरह है. सुल्ली डील्स पिछले साल सुर्खियों में आया था. उसमें भी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का मिसयूज किया गया था. खास बात ये है कि सुल्ली डील्स को भी गिटहब प्लेटफॉर्म पर ही चलाया गया था. हालांकि शिकायत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की थी और एक बार फिर बुली बाई ऐप मामले में भी दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. पुलिस ने गिटहब से इसे बनाने वाले की जानकारी मांगी है. साथ ही ट्विटर से उस अकाउंट की डिटेल मांगी गई है, जिसने पहली बार इसे ट्वीट किया था.

देहरादून : बुली बाई (Bulli Bai app case) ऐप मामले में मुंबई पुलिस ने मुख्य आरोपी एक महिला को उत्तराखंड से हिरासत में लिया है. इससे पहले मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने विशाल कुमार (21वर्षीय) को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था. वहीं, इस मामले में मुंबई पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी एक-दूसरे को जानते हैं.

इस मामले में मुंबई पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी महिला 'बुली बाई' एप से जुड़े तीन अकाउंट को हैंडल कर रही थी. वहीं, इस मामले सह आरोपी विशाल कुमार ने 'Khalsa supremacist' के नाम से खाता खोला था. 31 दिसंबर को इस खाते का नाम बदल दिया जो सिख नामों से मिलते-जुलते थे.

पढ़ें: 'सुली डील्स' के बाद अब आई 'बुल्ली बाई', संदिग्ध आरोपी बेंगलुरू से गिरफ्तार

क्या है बुली बाई ऐप मामला: पिछले कुछ दिनों से देश में बुली बाई (Bulli Bai app case) की चर्चा खूब हो रही है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर क्या है यह बुली बाई ऐप और क्यों इसे लेकर इतना बखेड़ा खड़ा हो रहा है. बुली बाई एप (Bulli Bai app) गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) या ऐप स्टोर (App Store) पर नहीं मिलता. यह गिटहब (Github) नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद है.

आसान शब्दों में कहें तो यहां मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. जब आप इस ऐप को ओपन करते हैं तो स्क्रीन पर मुस्लिम महिलाओं (Muslim Womens) का चेहरा नजर आता है, जिसे बुली बाई नाम दिया गया है. इसमें उन मुस्लिम महिलाओं का नाम यूज किया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. इन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को प्राइसटैग (Muslim Women Bidding) के साथ साझा किया गया है.

यही नहीं, बुली बाई नाम के एक ट्विटर (Twitter) हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा था. इस हैंडल पर मुस्लिम महिलाओं को बुक करने की भी बात लिखी गई थी. हालांकि भारत सरकार (Indian Government) के दखल के बाद अब इस ऐप (App) और इस ट्विटर हैंडल (Twitter handle) को हटा दिया गया है.

गिटहब (Github) क्या है: बुली बाई ऐप गिटहब (Github) प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद था. ऐसे में यहां ये भी समझना जरूरी है कि आखिर गिटहब क्या है. गिटहब एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म (Open Source Platform) है और यह अपने यूजर्स को कोई भी ऐप क्रिएट करने और उन्हें शेयर करने का ऑप्शन देता है. आप यहां पर्सनल या प्रोफेशनल किसी भी तरह का ऐप शेयर करने के साथ ही उसे बेच भी सकते हैं.

सुल्ली डील्स की तरह बुली बाई: अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उस हिसाब से बुली बाई ऐप बिल्कुल सुल्ली डील्स (Sulli Deals) की तरह है. सुल्ली डील्स पिछले साल सुर्खियों में आया था. उसमें भी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का मिसयूज किया गया था. खास बात ये है कि सुल्ली डील्स को भी गिटहब प्लेटफॉर्म पर ही चलाया गया था. हालांकि शिकायत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की थी और एक बार फिर बुली बाई ऐप मामले में भी दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. पुलिस ने गिटहब से इसे बनाने वाले की जानकारी मांगी है. साथ ही ट्विटर से उस अकाउंट की डिटेल मांगी गई है, जिसने पहली बार इसे ट्वीट किया था.

Last Updated : Jan 4, 2022, 8:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.