कोलकाता : मुकुल रॉय ने प.बंगाल विधानसभा के पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. भाजपा लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी. रॉय की सदस्यता को लेकर अब भी भाजपा विरोध कर रही है.
कुछ दिन पहले ही विधानसभा के स्पीकर ने मुकुल रॉय को भाजपा का सदस्य ठहराया था. हालांकि, मुकुल रॉय टीएमसी में हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे. लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने ममता बनर्जी के प्रति अपनी आस्था प्रकट की थी. उसके बाद वे अपने बेटे के साथ टीएमसी में आए. तकनीकी ग्राउंड पर क्योंकि वह भाजपा के सिंबल पर चुनाव जीते थे, इसलिए विधानसभा स्पीकर ने उन्हें पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था. परंपरा के अनुसार पीएसी का अध्यक्ष विपक्षी पार्टी के ही किसी नेता को बनाया जाता है.
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Mukul Roy resigns from the post of Public Accounts Committee Chairman from West Bengal Assembly citing health issues pic.twitter.com/GSLj9s9C7D
— ANI (@ANI) June 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 27, 2022Mukul Roy resigns from the post of Public Accounts Committee Chairman from West Bengal Assembly citing health issues pic.twitter.com/GSLj9s9C7D
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रॉय ने कहा, 'मैंने पीएसी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को भेज दिया है. मेरा कार्यकाल (पीएसी प्रमुख के रूप में) एक साल के लिए था और यह जल्द समाप्त होने वाला है. इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया.' विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल जुलाई में रॉय को पीएसी अध्यक्ष बनाया था, वहीं विपक्षी भाजपा चाहती थी कि पार्टी विधायक अशोक लाहिड़ी इस समिति के प्रमुख बनें.
विधानसभा अध्यक्ष बनर्जी ने विधायक के रूप में रॉय को अयोग्य करार देने की विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की अर्जी पिछले महीने खारिज कर दी थी और कहा था कि उन्हें याचिकाकर्ता की दलील में दम नहीं लगता. भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने पीएसी के अध्यक्ष के रूप में मुकुल रॉय के निर्वाचन को पिछले साल जुलाई में कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और परंपरा के अनुसार किसी विपक्षी विधायक को इस पद के लिए नामित करने का अनुरोध किया था.
उनकी सदस्यता को लेकर विवाद तभी से जारी है. भाजपा उनकी सदस्यता को लेकर कोर्ट भी गई थी. लेकिन कोर्ट ने उन्हें स्पीकर के पास भेज दिया था.
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