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PFI का बेस कैंप बना एमपी, कई जिलों में संगठन की गुप्त गतिविधियां, 22 पर हो चुकी है FIR - ats search continues in mp districts

देश भर में प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की गतिविधियों का नया केंद्र एमपी बन चुका है. बीते एक साल में एमपी पुलिस ने लगातार सर्चिंग अभियान चलाकर प्रदेश के अलग अलग जिलों में कार्रवाई की और कई लाेगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. अब जानकारी सामने आ रही है कि, जिन इलाकों से इन सदस्यों को पकड़ा गया था, वहां बेहद सूक्ष्म रूप में इनकी गतिविधियां जारी हैं. इसको लेकर एटीएस ने स्पेशल सर्चिंग अभियान चला रखा है.

pfi activity in mp
मप्र में पीएफआई की गतिविधियां
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Published : Apr 4, 2023, 6:08 PM IST

भोपाल। एटीएस (Anti-Terrorism Squad) ने एमपी में बीते एक साल में पीएफआई (Popular Front of India) से जुड़े 22 पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, वहीं 100 से अधिक पीएफआई मेंबर को पकड़ा गया था लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. बीते माह इनके खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर कोर्ट में 5 हजार पन्नों की एक चार्जशीट पेश की गई. अब बड़ी जानकारी यह सामने आ रही है कि महाराष्ट्र से सटे जिलों में अभी भी बेहद सूक्ष्म रूप में पीएफआई सक्रिय है, लेकिन इस बार नए तरीकों से काम किया जा रहा है.

इंटेलीजेंस के सूत्र बताते हैं कि पीएफआई का फोकस अब उत्तर भारत के राज्य हैं और इसके लिए उन्होंने एमपी को बेस कैंप बनाने का प्रयास किया. इसके बाद एटीएस की कार्रवाई हुई तो सभी गतिविधियों को बंद कर दिया. लेकिन अब एक बार फिर मंडला, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर में इनकी सक्रियता है. यह लोग परिवार के साथ मिलकर बात करते हैं. सीधे तौर पर देश विरोधी बात करने से बच रहे हैं, लेकिन पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं पर बात करते हैं और फिर सिस्टम के खिलाफ बात करते हैं. अभी कुछ शिकायतें मिली हैं, लेकिन ठोस प्रमाण के अभाव में इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है.

एमपी निशाना इसलिए?: पीएफआई एमपी के रास्ते राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड समेत दूसरे तक अपना नेटवर्क स्थापित कर रही है. इसके लिए इन लोगों ने खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर रतलाम, मंदसौर जिलों के रास्ते एक रास्ता तैयार किया है. इसीलिए 22 की गिरफ्तारी के बाद एटीएस के अधिकारियों ने इन्हीं जिलों में अपना फोकस बढ़ा दिया है. बता दें कि यह सभी सिमि गतिविधियों वाले जिले हैं, जो पूर्व में एमपी में आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुकी है.

PFI से जुड़ी अन्य खबरें

सोशल वर्कर और प्रोफेशनल को जोड़ रहे हैं नेटवर्क में: पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला है कि एमपी में यह लोग सोशल वर्कर और प्रोफेशनल को अपना सदस्य बनाने पर अधिक फोकस कर रहे हैं. इनमें एनजीओ चलाने वाले, एडवाेकेट, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स आदि शामिल हैं. इनका काम होता है कि जो लोग परेशान हैं, उनकी मदद करें और फिर सिस्टम के खिलाफ उनके मन में एक विरोध पैदा करके अपने काम में लगाए. इसके लिए यह लोग घरों में छोटी छोटी मीटिंग करते हैं. उदाहरण के लिए जिन पीएफआई के जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें गुलाम रसूल इंदौर जिला कमेटी का मेंबर था. यह शख्स भोपाल में रहकर गरीब बस्तियों में जाकर तालीबी उपदेश देता था. इसी प्रकार फाइनेंसियल मैनेजमेंट से जुड़ा गुलाब नबी भड़काऊ भाषण देता था.

पकड़े गए PFI सदस्य

  1. इंदौर से 9 – अब्दुल रऊफ, तौसीफ छीपा, युसुफ मौलानी, गुलाम रसूल, गुलाब नबी, अब्दुल करीम, मो. जावेद, अब्दुल खालिद, अब्दुल रऊफ बेलिम
  2. उज्जैन से 4 - ईशाक खान, जुबेर खान, मोहम्मद आकिब,अब्दुल जमील शेख
  3. भोपाल से 2 - वासिद खान और अनवर खान उर्फ डॉ. अनवर सिद्दीकी
  4. औरंगाबाद महाराष्ट्र से 2 - नासिर नदवी और परवेज खान
  5. नीमच से 2 - इमरान तंवर हुसैन और ख्वाजा हुसैन
  6. गुना - मोहसिन कुरैशी
  7. शाजापुर - साकिर खान
  8. श्योपुर - मोहम्मद शमशाद
  9. राजगढ़ - शहजाद बेग
  10. धार - गुलाम रसूल शाह

भोपाल। एटीएस (Anti-Terrorism Squad) ने एमपी में बीते एक साल में पीएफआई (Popular Front of India) से जुड़े 22 पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, वहीं 100 से अधिक पीएफआई मेंबर को पकड़ा गया था लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. बीते माह इनके खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर कोर्ट में 5 हजार पन्नों की एक चार्जशीट पेश की गई. अब बड़ी जानकारी यह सामने आ रही है कि महाराष्ट्र से सटे जिलों में अभी भी बेहद सूक्ष्म रूप में पीएफआई सक्रिय है, लेकिन इस बार नए तरीकों से काम किया जा रहा है.

इंटेलीजेंस के सूत्र बताते हैं कि पीएफआई का फोकस अब उत्तर भारत के राज्य हैं और इसके लिए उन्होंने एमपी को बेस कैंप बनाने का प्रयास किया. इसके बाद एटीएस की कार्रवाई हुई तो सभी गतिविधियों को बंद कर दिया. लेकिन अब एक बार फिर मंडला, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर में इनकी सक्रियता है. यह लोग परिवार के साथ मिलकर बात करते हैं. सीधे तौर पर देश विरोधी बात करने से बच रहे हैं, लेकिन पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं पर बात करते हैं और फिर सिस्टम के खिलाफ बात करते हैं. अभी कुछ शिकायतें मिली हैं, लेकिन ठोस प्रमाण के अभाव में इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है.

एमपी निशाना इसलिए?: पीएफआई एमपी के रास्ते राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड समेत दूसरे तक अपना नेटवर्क स्थापित कर रही है. इसके लिए इन लोगों ने खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर रतलाम, मंदसौर जिलों के रास्ते एक रास्ता तैयार किया है. इसीलिए 22 की गिरफ्तारी के बाद एटीएस के अधिकारियों ने इन्हीं जिलों में अपना फोकस बढ़ा दिया है. बता दें कि यह सभी सिमि गतिविधियों वाले जिले हैं, जो पूर्व में एमपी में आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुकी है.

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सोशल वर्कर और प्रोफेशनल को जोड़ रहे हैं नेटवर्क में: पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला है कि एमपी में यह लोग सोशल वर्कर और प्रोफेशनल को अपना सदस्य बनाने पर अधिक फोकस कर रहे हैं. इनमें एनजीओ चलाने वाले, एडवाेकेट, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स आदि शामिल हैं. इनका काम होता है कि जो लोग परेशान हैं, उनकी मदद करें और फिर सिस्टम के खिलाफ उनके मन में एक विरोध पैदा करके अपने काम में लगाए. इसके लिए यह लोग घरों में छोटी छोटी मीटिंग करते हैं. उदाहरण के लिए जिन पीएफआई के जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें गुलाम रसूल इंदौर जिला कमेटी का मेंबर था. यह शख्स भोपाल में रहकर गरीब बस्तियों में जाकर तालीबी उपदेश देता था. इसी प्रकार फाइनेंसियल मैनेजमेंट से जुड़ा गुलाब नबी भड़काऊ भाषण देता था.

पकड़े गए PFI सदस्य

  1. इंदौर से 9 – अब्दुल रऊफ, तौसीफ छीपा, युसुफ मौलानी, गुलाम रसूल, गुलाब नबी, अब्दुल करीम, मो. जावेद, अब्दुल खालिद, अब्दुल रऊफ बेलिम
  2. उज्जैन से 4 - ईशाक खान, जुबेर खान, मोहम्मद आकिब,अब्दुल जमील शेख
  3. भोपाल से 2 - वासिद खान और अनवर खान उर्फ डॉ. अनवर सिद्दीकी
  4. औरंगाबाद महाराष्ट्र से 2 - नासिर नदवी और परवेज खान
  5. नीमच से 2 - इमरान तंवर हुसैन और ख्वाजा हुसैन
  6. गुना - मोहसिन कुरैशी
  7. शाजापुर - साकिर खान
  8. श्योपुर - मोहम्मद शमशाद
  9. राजगढ़ - शहजाद बेग
  10. धार - गुलाम रसूल शाह
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