भोपाल। चर्चित सीरियल ऑफिस-ऑफिस तो आपको याद ही होगा. इसमें मुसद्दीलाल का किरदार निभाने वाले पंकज कपूर अपने छोटे-मोटे काम कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटते हैं और सरकारी कर्मचारी उन्हें काम के लिए घुमाते रहे हैं. ऐसी ही स्थिति इस समय मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अयोध्या नगर के थाना स्टॉफ की बनी हुई है. थाना स्टॉफ पुलिस स्टेशन को आवंटित हुई जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहा है. सबसे चौंकाने वाली स्थिति तो यह है कि अतिक्रमण हटाने का आदेश हाईकोर्ट तक दे चुकी है. इसके बाद भी जमीन से अतिक्रमण नहीं हट पाया. राजधानी का यह थाना अभी टीन के चद्दरों के नीचे चल रहा है.
खुद ही कानूनी प्रक्रिया में उलझी पुलिस: राजधानी भोपाल का विस्तार हुआ तो शहर के अयोध्या नगर क्षेत्र में 9 साल पहले थाना बना दिया गया. इसके लिए हाउसिंग बोर्ड की भूमि पर अस्थाई शेड डालकर इसे शुरू कर दिया गया. थाने का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक बाबूलाल गौर ने किया था. सालों की मशक्कत के बाद 15 मार्च 2022 को थाने के लिए राज्य शासन ने 22 हजार स्क्वायर फीट की सड़क किनारे की भूमि आवंटित कर दी, लेकिन भूमि आवंटित होने के बाद पुलिस की मुसीबत और बढ़ गई, क्योंकि जो भूमि थाने के लिए आवंटित की गई थी. उस पर अवैध कब्जा कर इसे एक शराब ठेकेदार को दे दिया गया. थाना स्टॉफ ने इसे हटाने के लिए राजस्व अधिकारियों से कार्रवाई शुरू कराई तो शराब ठेकेदार ने हाईकोर्ट में अपील की और मामले में स्टे ले लिया.
आदेश के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण: 23 फरवरी 2023 को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अतिक्रमण को अवैध माना और इसे तत्काल हटाने के आदेश दिए. कोर्ट ने संबंधित एसडीएम को एक माह में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए, लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी राजस्व विभाग यहां से अतिक्रमण नहीं हटा सका.
पुलिस खुद असहाय: नाम न बताने की शर्त पर थाना स्टॉफ बताता है कि तहसील के चक्कर लगाते-लगाते वे थक चुके हैं. अब उन्हें बार-बार वहां जाने में ही शर्म आने लगी है. हालत यह है कि तहसीलदार इसे हटाने में रूचि ही नहीं ले रहे. बोल देते हैं कि पटवारी नहीं है, जबकि वह ऑफिस में ही मौजूद होते हैं. लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि अतिक्रमणकारियों ने शराब ठेकेदार से खाली कराई गई दुकानों को मोटी रकम लेकर फिर किराए पर दे दिया है. उधर पुलिस अधिकारी राजेश सिंह भदौरिया का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है, हालांकि अभी तक अतिक्रमण नहीं हटा है.