सागर। मध्य प्रदेश के सबसे वरिष्ठ मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने 22 साल पहले लिया हुआ महा संकल्प 21 हजार बेटियों के कन्यादान के साथ पूरा किया. मंत्री गोपाल भार्गव ने 2001 में गरीब बेटियों के कन्यादान की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी और पिछले 22 सालों में उन्होंने 20 विवाह समारोह आयोजित कर 21 हजार बेटियों का कन्यादान किया है. इस अवसर पर 2100 जोड़ी एक ही मंडप के नीचे परिणय सूत्र में बंधे.
सीएम भी रहे मौजूद: महा संकल्प पूरे होने के दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विधि शर्मा मंत्री गोपाल भार्गव के गृह नगर में मौजूद थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्री गोपाल भार्गव की जमकर प्रशंसा की और उन्हें राजनेता नहीं समाज सेवा क उदाहरण बताया. इस आयोजन की जिम्मेदारी बखूबी निभाने वाले मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव को हीरा बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजन हर विधानसभा में होना चाहिए.
समाजसेवा का उदाहरण: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गोपाल भार्गव केवल राजनेता ही नहीं, समाज सेवक और विकास पुरूष भी हैं. मध्यप्रदेश के विकास के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहते हैं. उन्होंने 21 हजार कन्याओं का विवाह कराकर समाज सेवा का जो इतिहास बनाया, वह अनुकरणीय है. आज के पुण्य और विशाल विवाह समारोह में 2100 कन्याओं के हाथ पीले कर उन्होंने 21 हजार कन्याओं के विवाह कराने के अपने महा-संकल्प को पूरा किया है. जिस पर हम सभी को गर्व है.
सामाजिक सेवा का महाकुंभ: मुख्यमंत्री ने कहा कि गोपाल भार्गव ने यह सिध्द किया कि राजनेता पेशा, नहीं समाज सेवा है. सीएम ने सामूहिक विवाह समारोह को सामाजिक सेवा का महाकुंभ भी बताया, जिसमें 1 लाख से अधिक लोग शामिल हुए. उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी बेटियां सुखी रहें. कोई भी माता-पिता अपनी बेटी के विवाह को लेकर परेशान नहीं हो. यही सरकार का भी संकल्प भी है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कन्यादान समारोह की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे दीपू भार्गव की भी प्रशंसा की और उन्हें हीरा बताया उन्होंने कहा कि दीपू तो हमारा हीरा है दीपू ने भी अनाथ बच्चों को गोद लिया है.
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छोटी शुरुआत से बड़ा स्वरूप: मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि 20 साल पहले सीएम शिवराज सिंह और उन्होनें गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न कराने की शुरूआत थी. पहले गरीबी के कारण लोग बेटियों की शादी के लिए घर, जेवर, गिरवी रख देते थे, मुख्यमंत्री चौहान ने उनके इस दर्द को समझा और मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना शुरू की, जो सबसे बड़ा पुण्य कार्य है. उन्होंने बताया कि 20 साल पहले मैंने छोटे रूप में इसकी शुरूआत की थी, जो अब विशाल स्वरूप ले चुका है.
बेटियां ना करें चिंता: मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश की एक भी बेटी ऐसी नहीं होनी चाहिए, जिसके हाथ पैसे के अभाव में पीले नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने परिणय सूत्र में बंधने वाली बेटियों से कहा कि जब तक गोपाल भार्गव जीवित है, धर्मपिता के रूप में वह आपके काम आयेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को लोक कल्याण और सामाजिक समरसता की योजना बताया. गोपाल भार्गव के अनुसार आज जो विवाह संपन्न हुए उनमें 500 जोडे़ कुशवाहा समाज, 400 अहिरवार समाज, 150-150 कुर्मी और लोधी तथा 50 ब्राम्हाण समाज के तथा 50 मुस्लिम समाज के है.