कोलकाता : 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और सभी सांसद क्षेत्र के विकास के लिए सांसद निधि (MPLAD) का उपयोग करने में जुट गए हैं. मगर पश्चिम बंगाल में इस स्कीम को लेकर भी खींचतान जारी है. बीजेपी के सभी 17 सांसदों का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार के इशारे पर प्रशासन एमपीलैड (MPLAD) के प्रोजेक्ट में अड़ंगा लगा रहा है. अब भाजपा सांसद इसकी लिखित शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करने वाले हैं. ये सांसद जल्द ही दिल्ली में राष्ट्रपति भवन जाएंगे और बंगाल की स्थिति पर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन देंगे.
2024 के लोकसभा चुनाव में केवल 2 साल बाकी बचे हैं, भाजपा सांसद अभी भी एमपीलैड योजना से औसतन 45 प्रतिशत धन खर्च कर सकते हैं. बीजेपी सांसदों का आरोप है कि उन्होंने सांसद निधि से योजनाओं के लिए धन आवंटित किया गया था, लेकिन जिलाधिकारियों, एसडीओ और बीडीओ के असहयोग के कारण उनकी संसदीय क्षेत्रों में विकास का काम रुक गया है. भाजपा सांसदों ने क्षेत्र के विकास पर जल्द से जल्द राशि खर्च करने की मांग की है. उनका कहना है कि वह इस मामले को लेकर राष्ट्रपति और राज्यपाल का दरवाजा खटखटाएंगे.
पार्टी नेताओं का कहना है कि उत्तर और दक्षिण बंगाल दोनों में इलाकों में सांसद निधि की योजनाओं पर ब्रेक लगाया गया है. यह भी आरोप है कि भाजपा के राज्यसभा सांसदों के पैसे भी इसी तरह से रोके गए हैं. भले ही भाजपा सांसदों ने पेयजल, ग्रामीण सड़कों, स्कूल निर्माण और यात्री वापसी जैसी परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया है, लेकिन प्रशासन के असहयोग ने विकास योजनाओं को रोक दिया. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार जान-बूझकर ऐसा कर रही है. विपक्षी सांसदों के कोटे के पैसे से अगर भाजपा को क्षेत्र के विकास का फायदा मिलता है तो इसका असर उनके वोट बैंक पर पड़ेगा. इस कारण प्रशासन के अधिकारी काम नहीं कराते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का विरोध किया जाएगा.
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