इंदौर। संयोगितागंज पुलिस ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और अरुण यादव के ट्विटर एकाउंट के हैंडलरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है. पूरा मामला एक लेटर से संबंधित है. जिसे ट्विटर के माध्यम से संबंधित नेताओं ने री ट्वीट किया था. इस मामले को लेकर लगातार राजनीतिक गरमाई हुई थी. मामले में इंदौर भाजपा के नेताओं ने पुलिस को शिकायती आवेदन दिया था. जिस पर पुलिस ने जांच कर संबंधित नेताओं के ट्विटर एकाउंट के हैंडलरों और एक अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. (FIR Against Priyanka And Kamal Nath Twitter handlers)
एमपी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप: मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर इंदौर पुलिस ने शनिवार रात कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी, कमल नाथ और अरुण यादव के ट्विटर हैंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. एफआईआर में उनके संबंधित ट्विटर हैंडल पर उनके नाम के आधार पर ज्ञानेंद्र अवस्थी और अन्य का नाम भी शामिल है. भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ की इंदौर इकाई के संयोजक निमेश पाठक की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
भाजपा की छविं खराब करने की साजिश: निमेश पाठक ने आरोप लगाया कि ''कांग्रेस नेताओं ने राज्य में भाजपा शासन पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का झूठा आरोप लगाते हुए भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करके राज्य सरकार और उनकी पार्टी की छवि खराब करने की साजिश रची.'' अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रामसनेही मिश्रा ने कहा कि ''शहर के संयोगितागंज थाने में प्रियंका गांधी वाद्रा, कमल नाथ और अरुण यादव के ट्विटर एकाउंट के हैंडलरों के खिलाफ प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है.'' बता दें कि इंदौर में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर कार्रवाई की मांग की थी.
एक्स से मांगेंगे जानकारी: इंदौर के पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि ''भाजपा के विधि प्रकोष्ठ की स्थानीय इकाई के संयोजक नीमेष पाठक ने शिकायत की है कि ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से फर्जी पत्र सार्वजनिक किया जिसमें ठेकेदारों से "50 प्रतिशत कमीशन" मांगे जाने की बात लिखी गई है. मामले की जांच की दिशा तय करने के लिए 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) खातों के हैंडलर से विवादास्पद पोस्ट को लेकर जानकारी मांगी जाएगी.''
यह है पूरा मामला: शुक्रवार को प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर दावा किया कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों के एक संघ ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उन्हें 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही भुगतान मिलता है. कर्नाटक की भ्रष्ट भाजपा सरकार 40% कमीशन वसूलती थी. मध्य प्रदेश में बीजेपी भ्रष्टाचार के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गई है. उन्होंने पोस्ट में आरोप लगाया, कर्नाटक के लोगों ने 40% कमीशन वाली सरकार को हटा दिया, अब मध्य प्रदेश के लोग 50% कमीशन वाली सरकार को सत्ता से हटा देंगे. कमलनाथ और अरुण यादव ने भी इसी तरह के पोस्ट किए.
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाए आरोप: भाजपा विधि प्रकोष्ठ के निमिष पाठक ने संयोगितागंज पुलिस को एक शिकायती आवेदन देते कहा कि ''कांग्रेस के नेताओं के द्वारा किए गए एक ट्वीट जिसमें 50% कमिशन की मांग संबंधित एक पोस्ट देखी गई है. जिसमें फरियादी का नाम ज्ञानेंद्र अवस्थी, पता वसंत विहार कालोनी लश्कर ग्वालियर लिखा गया है. पत्र में प्रदेश में ठेकेदारों को 50 प्रतिशत कमीशन देने पर ही भुगतान मिलने की बात कही गई है. जब मैंने ज्ञानेंद्र अवस्थी के बारे में पता किया गया तब मुझे इस प्रकार के किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई. जिससे यह संदेह होता है कि उक्त पत्र कांग्रेस द्वारा जानबूझकर फर्जी रूप से भ्रामक आरोपों के साथ तैयार करवा कर सोशल मीडिया साइट पर वायरल किया जा रहा है. ताकि मध्यप्रदेश शासन तथा भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल की जा सके.''
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दोषियों को मिले कड़ी सजा: भाजपा विधि प्रकोष्ठ के निमिष पाठक ने कहा कि ''यह बेहद गंभीर मामला है.'' उन्होंने पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की बात कही और दोषियों को सख्त सजा दिए जाने की भी मांग की. मामले में सब इंस्पेक्टर संदीप पटेल ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर प्रारंभिक तौर पर तीनों नेताओं के ट्विटर एकाउंट के हैंडलरों और एक अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है. वहीं कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के सौरभ मिश्रा ने बताया कि ''पुलिस ने कमलनाथ, प्रियंका गांधी और अरुण यादव के खिलाफ नहीं बल्कि उनके ट्विटर एकाउंट के हैंडलरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.''
(Note: इस खबर का कुछ अंश पीटीआई से भी लिया गया है)