राजगढ़/झाबुआ। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी किसी न किसी तरीके से अपनी जड़े मजबूत करने और अपने आपको दूसरे से बेहतर बताने के काम में लगे हुए हैं. ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश के कमोबेश 55 जिलों में से एक राजगढ़ जिले का है. जहां 5 विधानसभा सीट में से एक सीट जो कि, एससी कोटे के लिए आरक्षित है, जिनके कांग्रेस व भाजपा दोनो ही दलों के प्रत्याशी इन दिनों वो काम करते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे वे सुर्खियां तो बटोर ही रहे हैं, वहीं उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है. ऐसा ही कुछ नजारा झाबुआ में भी दिख रहा है.
गारा छपवाने में मदद करती नजर आई कांग्रेस प्रत्याशी: दरअसल, राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कला महेश मालवीय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वे उनके क्षेत्र में एक परिवार के कच्चे मकान में गारा छपवाने में मदद करती हुई नजर आ रही हैं. उनके इस वीडियो के माध्यम से उन्हें गरीबों की सेवा करने वाला बताया जा रहा है, लेकिन ऐसा उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में पहले कभी नहीं किया और न ही सोशल वर्कर के रूप में इसलिए ट्रोल भी हो रही हैं. जनता उन्हें ड्रामेबाज भी कह रही है.
चाय बनाते नजर आए बीजेपी प्रत्याशी: वहीं उनके साथ-साथ एक और वीडियो बीजेपी के प्रत्याशी व पूर्व विधायक गौतम टेटवाल का भी वायरल हो रहा है. जिसमे वे एक चाय वाले कि दुकान पर चाय बनाते हुए नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि, अपने-अपने क्षेत्र में अनोखा काम करने के चक्कर में प्रत्याशी यह भूल जाते हैं कि, आमजन अब इन सब बातों को नहीं बल्कि क्षेत्र का विकास चाहते हैं. वे ये भी चाहते है कि, उन्हें उन्ही के क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिले. शिक्षा मिले और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले. जिससे वे अपना व अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर तरीके से कर पाए. जनता दोनों प्रत्याशियो के कारनामे को सीधे-सीधे ड्रामेबाजी व नौटंकी बता रही है.
भीम आर्मी ने बताया नौटंकी: वहीं इस मामले में भीम आर्मी के प्रदेश महासचिव राजेश गढ़वाल ने दोनों ही दलों के प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे कृत्य को सीधे-सीधे नौटंकी और ड्रामेबाजी बताते हुए कहा कि, 70 सालों तक कांग्रेस ने दलित और आदिवासियों के नाम पर राजनीति कि और वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. वर्तमान में 18 से 20 वर्षों से प्रदेश में भाजपा सरकार सत्ता में है, लेकिन राजगढ़ जिले में दोनों ही दलों के प्रत्याशी कोई चाय बना रहा है कोई गारा छाप रहा है. मैं उन लोगों से यही कहना चाहता हूं की, यदि वे लोग सत्ता में रहकर जनता के लिए काम करते तो इस तरह की ड्रामेबाजी करने की जरूरत नहीं होती.
राजगढ़ जिले की आरक्षित सीट सारंगपुर में कभी दलित को घोड़े पर बैठने या मंदिर में दलित के प्रवेश करने का हो ऐसे मामलों में ये जनप्रतीनिधि कभी आगे नहीं आते. इस तरह की ड्रामेबाजी से दलितों का कोई उत्थान नहीं होगा और जनता ये सब कुछ समझती है.
झाबुआ में रोटी बनाती नजर आई बीजेपी प्रत्याशी: वहीं बात अगर अब झाबुआ जिले की करें तो यहां भी राजगढ़ जैसा ही नाजार देखने मिल रहा है. पेटलावद विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया दूरस्थ क्षेत्र चंद्रगढ़ में देर शाम चुनाव प्रचार के दौरान पहुंची, तो एक ग्रामीण महिला चूल्हे पर मक्का की रोटी बना रही थी. ऐसे में निर्मला भी वहीं बैठकर रोटी बनाते हुए लाडली बहना योजना को लेकर सवाल करने लगी. ग्रामीण महिला ने भी बड़ी बेबाकी से सारे सवाल के जवाब दिए.