नर्मदापुरम। केंद्र की अटलबिहारी वाजयेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह नहीं रहे. उनके निधन की सूचना मिलते ही नर्मदापुरम समेत पूरे प्रदेश में उनके चाहने वालों में शोक की लहर फैल गई. वह कई दिनों से बीमार थे. उनका इलाज भोपाल के एक अस्पताल में चल रहा था. पार्थिव शरीर भोपाल में उनके निवास पर रखा गया है. गुरुवार दोपहर 3 बजे तक तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. सरताज सिंह के निधन पर अनेक राजनीतिक लोगों और स्थानीय नागरिकों ने शोक व्यक्त किया है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री वरिष्ठ नेता श्री सरताज सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद हैं।
— हितानंद Hitanand (@HitanandSharma) October 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति! pic.twitter.com/0pcLcadHzI
">पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री वरिष्ठ नेता श्री सरताज सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद हैं।
— हितानंद Hitanand (@HitanandSharma) October 12, 2023
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति! pic.twitter.com/0pcLcadHzIपूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री वरिष्ठ नेता श्री सरताज सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद हैं।
— हितानंद Hitanand (@HitanandSharma) October 12, 2023
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
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ये है सियासी सफर : पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह का जन्म 26 मई 1940 को हुआ था. देश का बंटवारा भारत-पाकिस्तान के रूप में होने के बाद सरताज सिंह का परिवार इटारसी में बस गया. साल 1960 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखा. वह इटारसी नगर पालिका के कार्यवाहक अध्यक्ष बने. सरताज सिंह 1989 से 1999 तक होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से लगातार चार बार सांसद चुने गए. इस दौरान सरताज सिंह ने कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह को हराया. 1999 में सरताज सिंह ने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा. 2004 में वे फिर लोकसभा सांसद चुने गए. सरताज सिंह ने 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के रूप में कार्य किया. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार में भी मंत्री पद संभाला.
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उम्र के अंतिम पड़ाव पर कांग्रेस में : भाजपा के सबसे पुराने नेताओं में शुमार सरताज सिंह चुनाव के मैदान में अजेय माने जाते थे. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय तक वह उपेक्षा के शिकार हुए. साल 2018 में बीजेपी ने उन्हें विधानसभा टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. साल 2018 का विधानसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस से लड़ा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वह साल 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए. (Sartaj Singh Passed Away)