चंडीगढ़: पंजाब के गुरदासपुर के दबुर्जी गांव के 24 वर्षीय सिपाही प्रगट सिंह बर्फीले तूफान की चपेट में आने से शहीद हो गए थे. उनका शव आज गांव पहुंचने पर सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद को उनके पिता प्रीतम सिंह ने मुखाग्नि भेंट दी.
बता दें, 25 अप्रैल को विश्व के सबसे ऊंचे हिमखंड ग्लेशियर में आए बर्फीले तूफान की चपेट में 21 पंजाब रेजीमेंट के तीन सपूत आ गए थे. इनमें बरनाला के गांव कर्मगढ़ के अमरदीप सिंह, जिला मानसा के गांव हाकम वाला के सिपाही प्रभजोत सिंह और दबुर्जी के प्रगट सिंह शामिल थे. अमरदीप सिंह और प्रभजोत सिंह मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि प्रगट सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे.उनको एयरलिफ्ट कर चंडीगढ़ सेना के कमांड अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
उसकी सेहत में काफी सुधार आ रहा था, मगर दो दिन पहले उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. 15 दिन मौत से लड़ते हुए जिदगी की जंग हार गए. आज जब पूरा देश मां-बेटे के पवित्र रिश्ते को दर्शाता मदर्स डे मना रहा है वहीं, प्रगट सिंह का शव तिरंगे में लिपटा हुआ अपने गांव पहुंचा. यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उनकी मां सुखविदर कौर, बहनें किरणदीप व अमनदीप मौजूद थीं.
इस मौके पर पूरे गांव में शोक की लहर थी. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे. टुकड़ी ने भी शहीद को सलामी दी. कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि यह बहुत दुखद है. यह युवा शहीद दो बहनों का इकलौता भाई था. हम बहुत दुखी हैं, लेकिन हमें इस बात पर भी गर्व है कि वह हमारे क्षेत्र का युवा है. जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है.
पढ़ें: केंद्रीय मंत्री ने सीएम योगी को लिखा लेटर, मेडिकल अधिकारियों की शिकायत की
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने परिवार को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी और परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का वादा किया था. गांव में शहीद को एक स्मारक भी स्थापित किया जाएगा और परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी.