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Mother daughter appear for graduation: बंगाल के पुरुलिया में स्नातक की परीक्षा में एक साथ बैठी मां-बेटी - बंगाल के पुरुलिया मां बेटी पढ़ाई

कहते हैं पढ़ाई- लिखाई की कोई उम्र नहीं होती है. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में एक मां ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. महिला अपनी 19 साल की बेटी के साथ स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा दे रही है.

Etv BharatMother daughter together appear for graduation exam in Bengals Purulia
Etv Bharatबंगाल के पुरुलिया में स्नातक की परीक्षा में एक साथ बैठी मां-बेटी
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Published : Mar 3, 2023, 12:00 PM IST

पुरुलिया: पश्चिम बंगाल के बलरामपुर थाने के पाटीदी गांव निवासी दुलु महंती पति ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र महज एक संख्या है. खासकर जब सीखने या शिक्षा की बात हो. 39 साल की दुलु इस साल अपनी 19 साल की बेटी इंद्राणीपति के साथ स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष की परीक्षा दे रही है.

दुलु पुरुलिया बड़ाबाजार थाना क्षेत्र के नीलमोहनपुर की रहने वाली है. 1999 में वह 10वीं कक्षा में थी जब उसकी शादी पटौदी गांव के दयामय पति से हुई थी. अपने ससुराल वालों और पति के प्रोत्साहन से वह फिर से पढ़ने लगी. उसने 2018 में माध्यमिक और 2020 में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पास किया. सत्तर वर्षीय सास पुतुलु रानीपति ने भी उसे अध्ययन के लिए प्रोत्साहित किया.

इस वर्ष बलरामपुर कॉलेज की छात्रा दुलु बड़ाबाजार कॉलेज से स्नातक स्तर की परीक्षा दे रही है. वहीं, बड़ाबाजार कॉलेज के शिक्षा विभाग की छात्रा इंद्राणी मनबाजार कॉलेज से परीक्षा दे रही है. दुलु ने ईटीवी भारत को बताया,' अध्ययन का अवसर मिलना अच्छा है. घर में सभी ने मेरा समर्थन किया है. मैं हमेशा पढ़ना चाहती थी, लेकिन छोटे बच्चे होने के कारण नहीं कर पायी.

फिर, जब मेरे बेटे और बेटी बड़े हुए, मैंने उनसे अपनी इच्छा के बारे में बात की. मैंने घर पर सबको बताया और सब मान गए. जब मेरी बेटी को 10वीं कक्षा में पदोन्नत किया गया, तो मैंने भी उसके साथ ओपन स्कूल से अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की.' मां-बेटी घर के कामों के साथ-साथ पढ़ाई करने लगीं. मां-बेटी ने एक-दूसरे का ख्याल रखा.

ये भी पढ़ें- West Bengal News: एक बेटी ने मां और भाई को फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिए किया प्रेरित, दिलाई माध्यमिक परीक्षा

इस दिन परीक्षा देने के लिए जाने से पहले मां-बेटी एक-दूसरे से पूछती नजर आईं कि क्या दोनों ने जरूरी सामान जैसे पेन और दूसरी चीजें ले ली हैं. वहीं बेटी इंद्राणी ने कहा, 'मां मेरे लिए दोस्त की तरह हैं. हम दोनों स्टूडेंट हैं. इसलिए हम खाना पकाने से लेकर पढ़ाई तक हर चीज में एक-दूसरे की मदद करते हैं. मां कई बार पढ़ाई को समझाने में मेरी मदद करती हैं. दोनों मां-बेटी ने कहा कि उनके लिए परीक्षा अच्छी चल रही है. पति दयामय ने भी अपनी पत्नी को इस उम्र में पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया. दयामय ने अपनी पत्नी को आश्वासन दिया, 'आप जहाँ तक चाहें पढ़ सकते हैं और कोई समस्या नहीं है.'

पुरुलिया: पश्चिम बंगाल के बलरामपुर थाने के पाटीदी गांव निवासी दुलु महंती पति ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र महज एक संख्या है. खासकर जब सीखने या शिक्षा की बात हो. 39 साल की दुलु इस साल अपनी 19 साल की बेटी इंद्राणीपति के साथ स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष की परीक्षा दे रही है.

दुलु पुरुलिया बड़ाबाजार थाना क्षेत्र के नीलमोहनपुर की रहने वाली है. 1999 में वह 10वीं कक्षा में थी जब उसकी शादी पटौदी गांव के दयामय पति से हुई थी. अपने ससुराल वालों और पति के प्रोत्साहन से वह फिर से पढ़ने लगी. उसने 2018 में माध्यमिक और 2020 में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पास किया. सत्तर वर्षीय सास पुतुलु रानीपति ने भी उसे अध्ययन के लिए प्रोत्साहित किया.

इस वर्ष बलरामपुर कॉलेज की छात्रा दुलु बड़ाबाजार कॉलेज से स्नातक स्तर की परीक्षा दे रही है. वहीं, बड़ाबाजार कॉलेज के शिक्षा विभाग की छात्रा इंद्राणी मनबाजार कॉलेज से परीक्षा दे रही है. दुलु ने ईटीवी भारत को बताया,' अध्ययन का अवसर मिलना अच्छा है. घर में सभी ने मेरा समर्थन किया है. मैं हमेशा पढ़ना चाहती थी, लेकिन छोटे बच्चे होने के कारण नहीं कर पायी.

फिर, जब मेरे बेटे और बेटी बड़े हुए, मैंने उनसे अपनी इच्छा के बारे में बात की. मैंने घर पर सबको बताया और सब मान गए. जब मेरी बेटी को 10वीं कक्षा में पदोन्नत किया गया, तो मैंने भी उसके साथ ओपन स्कूल से अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की.' मां-बेटी घर के कामों के साथ-साथ पढ़ाई करने लगीं. मां-बेटी ने एक-दूसरे का ख्याल रखा.

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इस दिन परीक्षा देने के लिए जाने से पहले मां-बेटी एक-दूसरे से पूछती नजर आईं कि क्या दोनों ने जरूरी सामान जैसे पेन और दूसरी चीजें ले ली हैं. वहीं बेटी इंद्राणी ने कहा, 'मां मेरे लिए दोस्त की तरह हैं. हम दोनों स्टूडेंट हैं. इसलिए हम खाना पकाने से लेकर पढ़ाई तक हर चीज में एक-दूसरे की मदद करते हैं. मां कई बार पढ़ाई को समझाने में मेरी मदद करती हैं. दोनों मां-बेटी ने कहा कि उनके लिए परीक्षा अच्छी चल रही है. पति दयामय ने भी अपनी पत्नी को इस उम्र में पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया. दयामय ने अपनी पत्नी को आश्वासन दिया, 'आप जहाँ तक चाहें पढ़ सकते हैं और कोई समस्या नहीं है.'

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