नई दिल्ली : सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद अप्रैल, 2020 में घरेलू कंपनियों के 'अवसरवादी' अधिग्रहण पर रोक के लिए भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश पर पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी थी.
चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यामां और अफगानिस्तान जैसे देश भारत की सीमा से जुड़े हुए हैं. सरकार के निर्णय के अनुसार इन देशों से प्राप्त एफडीआई प्रस्तावों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है.
अधिकारी ने बताया कि एफडीआई के ज्यादातर प्रस्ताव भारी मशीनरी, वाहन, वाहन कलपुर्जा विनिर्माण, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ई-कॉमर्स और लाइट इंजीनियरिंग क्षेत्र में आये है.
उन्होने बताया कि इन तीन प्रमुख विभागों के अलावा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और फार्मास्युटिकल विभाग को भी इन देशों से एफडीआई के कई प्रस्ताव मिले हैं.
सरकार के पास इस निर्णय के तहत इस वर्ष 15 जून तक इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग तथा भारी उद्योग मंत्रालय के पास एफडीआई 40 से अधिक प्रस्ताव लंबित थे.
इसमें से ज्यादातर विदेशी निवेश प्रस्ताव चीन और हांगकांग से आए हैं. इसके अलावा, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश ने भी कुछ आवेदन जमा किए हैं. उल्लेखनीय है कि भारत को चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 17.6 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ है.
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