देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. रजिस्ट्रेशन की रफ्तार देखकर लग रहा है कि इस बार उत्तराखंड चारधाम यात्रा सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है. क्योंकि 20 दिनों के अंदर चारधाम यात्रा के लिए करीब ढाई लाख श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. अभीतक सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन बदरीनाथ और केदरानाथ धाम के लिए हुए हैं. अभी चारधाम यात्रा शुरू होने में करीब डेढ़ महीने का वक्त है. लेकिन सरकार ने उत्तराखंड चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन पहले ही शुरू कर दिया है. ताकि श्रद्दालुओं की किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
रजिस्ट्रेशन का ग्राफ देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार बदरीनाथ से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच सकते हैं. सरकार का भी केदारनाथ धाम पर ज्यादा फोकस है. साल 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं. साल 2022 में भी जहां रिकॉर्ड तोड़ भीड़ चारधाम यात्रा पर पहुंची थी तो वहीं इस बार भी यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल 2022 का भी रिकॉर्ड तोड़ देगी.
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22 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा: उत्तराखंड चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही होगी. केदरानाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल खोले जाने हैं.
व्यापारी भी काफी खुश: चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन की संख्या देखकर इस बार व्यापारी और सरकार दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि सरकार के साथ-साथ व्यापारी भी अपनी तैयारियों जुटे हुए हैं. अभीतक चारधामों में सबसे ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ में पहुंचे थे. इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इस बार अभीतक हुए रजिस्ट्रेशन के आधार पर कहा जा सकता है कि केदरानाथ में बदरीनाथ से ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी. 20 दिनों के अंदर केदारनाथ के लिए जहां 1.39 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है तो वहीं बदरीनाथ धाम के लिए 1.14 लाख भक्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
केदारनाथ में सरकार की चुनौती: चारोंधाम में केदारनाथ धाम की यात्रा सबसे कठिन है. केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं की करीब 16 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग तय करना पड़ता है. ये मार्ग खड़ी चढ़ाई है. बीते कुछ साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो केदारनाथ धाम में आक्सीजन की कमी और हार्ट अटैक के कारण सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इन सब आंकड़ों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार इस बार केदारनाथ धाम यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है. सरकार का अनुमान है कि इस बार केदारनाथ धाम में 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं.
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केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए सरकार ने इस बार 50 बेड का अस्पताल केदारनाथ धाम में तैयार करवाया है. इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग पर भी जगह-जगह डॉक्टरों की टीम तैनात की गई हैं. उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं.
केंद्रीय मंत्रियों से मिले सीएम धामी: वहीं, हाल ही में दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की और उन्हें चारधाम यात्रा पर आने का न्यौता दिया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री के सामने केंद्र सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता को बढ़ाने का भी प्रस्ताव भी रखा. मतलब साफ है कि इस बार की चारधाम यात्रा नए कीर्तिमान रचेगी.
कैसे करें रजिस्ट्रेशन: केदारनाथ में जहां श्रद्धालुओं को कपाट खुलने के दौरान हल्की फुल्की बर्फबारी देखने के लिए मिल सकती है तो वहीं ध्यान लगाने के लिए भी और गुफाओं का प्रबंध प्रशासन कर रहा है. अगर आप भी चारधाम यात्रा पर आना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि आपको रजिस्ट्रेशन कैसे करना है.
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ऐसे करें पंजीकरण: साल 2023 में होने वाली चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार की तरफ से एक वेबसाइट बनाई गई है. इस वेबसाइट का नाम है https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ आपको इसे ओपन करना है और 3 तरीके से आप इसमें अपना रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर सकते हैं. इसके साथ ही एक व्हाट्सएप नंबर है +91 8394833833 भी है, जिसके माध्यम से आप अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के दौरान आपसे आपके कुछ कागजात मांगे जाएंगे जो आपको अपलोड करने हैं. जैसे आधार कार्ड, अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई पेपर आपसे अपलोड करने के लिए कहा जाता है तो वह भी आप जरूर भर दें.
रजिस्ट्रेशन के बिना हो सकती है मुश्किल: रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको एक प्रमाण पत्र मिलेगा. ये प्रमाण पत्र आपको अपने मोबाइल, लैपटॉप में जरूर डाउनलोड करना होगा. इसका प्रिंट आउट निकाल कर यात्रा के दौरान अपने साथ रखें. जहां पर भी आपसे आपका रजिस्ट्रेशन मांगा जाता है, आप उस कागजात को दिखा सकते हैं. यह कागजात आपसे चारधाम मंदिर में प्रवेश करने से पहले मांगा जा सकता है. इसके साथ ही अगर यात्रा में भीड़ बढ़ती है तो भी रजिस्ट्रेशन वाले श्रद्धालुओं को पहले तवज्जो दी जाएगी.
कई बार देखने में आया है कि बिना रजिस्ट्रेशन के भी लोग यात्रा पर आ जाते हैं. ऐसे यात्रियों को भीड़ बढ़ने पर प्रशासन वापस भेज देता है. लिहाजा रजिस्ट्रेशन आपके लिए बेहद जरूरी है. चारधाम यात्रा पर आने से पहले आप सभी जरूरी सामान अपने साथ रख लें, जिसकी आपको जरूरत पड़ेगी. जिसमें टेबलेट, ड्राई फ्रूट्स, छाता, पानी की बोतल, खाने-पीने के छोटे-मोटे से सामान, गरम टोपी दस्ताने आदि हैं.
बीते साल के आंकड़े: पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा श्रद्धालु 10,66,340 बदरी विशाल के दर पर बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. इसके बाद केदारनाथ धाम में 10,10,681 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए थे. वहीं गंगोत्री धाम में 4,67,757 और यमुनोत्री धाम में 3,60,365 श्रद्धालु पहुंचे थे. उत्तराखंड के प्रमुख पांचवें धाम हेमकुंड में 1,51,406 श्रद्धालुओं ने माथा टेका था.
इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि पांचों धाम में श्रद्धालुओं की संख्या 40 लाख के पार जा सकती है. ऐसे में चारधाम में व्यवस्थाएं चरमरा सकती हैं. इस बारे में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि राज्य सरकार सभी श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है. इस बार की यात्रा हर लिहाज से ऐतिहासिक होने जा रही है. रोजाना करीब 20 हजार श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.
श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन की संख्या को देखते हुए चारधाम में पर्याप्त व्यस्थाएं की गई हैं. पिछली बार कुछ कमियां देखने को मिली थी, उन्हें सुधार दिया गया है. कई बार लैंडस्लाइड की वजह से हाईवे बंद हो जाता है, उसके लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में जेसीबी तैनात की गई है. ताकि कम से कम समय में रास्तों को खोला जाए और लोगों को राहत दी जाए.
इसके साथ ही एनडीआरएफ और एसडीएआरएफ की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है. केदारनाथ में अधिक श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उनके ठहरने की व्यवस्था उसी हिसाब से की गई है. ताकि लोगों को ठंड में दिक्कत न हो. केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है. राज्य सरकार का हर विभाग इस वक्त पूरी तरह से चारधाम यात्रा पर फोकस करते हुए काम कर रहा है.