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इतने करोड़ लाभार्थियों ने तय समय सीमा पर नहीं करवाया टीकाकरण : केंद्र

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Published : Oct 27, 2021, 7:19 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 7:49 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य की सूची में शीर्ष पर है जहां 1,57,22,285 लाभार्थियों ने निर्धारित अंतराल से अधिक की अवधि पार कर ली है और वैक्सीन नहीं ली है. यह एक चिंता का विषय है. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

मंडाविया
मंडाविया

नई दिल्ली : भारत के 17 राज्यों की 20,34,14,329 से अधिक आबादी को अभी तक कोविड-19 टीकों की उनकी उचित खुराक नहीं मिल पाई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य की सूची में शीर्ष पर है जहां 1,57,22,285 लाभार्थियों ने निर्धारित अंतराल से अधिक की अवधि पार कर ली है और वैक्सीन नहीं ली है. यह एक चिंता का विषय है.

नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हम सभी राज्य सरकार से लोगों को आगे आने और टीकाकरण कराने की अपील करते हैं.

वहीं, मध्य प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है, जहां 1,18,78,710 लाभार्थियों ने निर्धारित अंतराल की अवधि पार कर ली है और टीकाकरण नहीं करवाया है. इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां आंकड़ों के अनुसार टीकाकरण के लिए 3,33,50,833 लाभार्थियों ने अपने निर्धारित अंतराल के 2 सप्ताह को पार कर लिया है.

वर्तमान में भारत अपने नागरिकों को कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक वी टीके दे रहा है. केंद्र ने यह भी नोट किया है कि बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, मनिओर, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित 10 राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम टीकाकरण किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि टीकाकरण की दो खुराक लेना वास्तव में महत्वपूर्ण है. विडंबना यह है कि टीकों की उपलब्धता के बावजूद, कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अभी तक अपनी आबादी को टीका नहीं लगाया है.

आंकड़ों के अनुसार, बुधवार तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 9,51,46,749 कोविशील्ड और 1,45,59,560 कोवैक्सिन सहित कुल 12,37,64,029 टीके अभी भी उपलब्ध हैं.

अब तक 72.15 करोड़ आबादी (वयस्क आबादी का 77 प्रतिशत) को टीके की पहली खुराक और 31.38 करोड़ (वयस्क आबादी का 33.4 प्रतिशत) को टीके की दूसरी खुराक मुहैया कराई जा चुकी है.

लक्षद्वीप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, दादरा और नगर हवेली सहित आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने टीकाकरण की पहली खुराक का 100 प्रतिशत पार कर लिया है.

बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, तमिलनाडु सहित कई जिलों में कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक का 50 प्रतिशत से कम टीकाकरण दर्ज किया गया है.

पढ़ें - केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अहम बैठक, कोविड टीकाकरण बढ़ाने से संबंधी मुद्दों पर की चर्चा

इसी तरह, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय तमिलनाडु, तेलंगाना जैसे राज्यों के कई जिलों ने दूसरी खुराक के टीकाकरण का 33 प्रतिशत से कम पंजीकृत किया.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दूसरी खुराक के देय लाभार्थियों के कवरेज के लिए जिलेवार योजनाओं की योजना और निष्पादन की समीक्षा करने का भी सुझाव दिया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण प्रक्रिया को कारगर बनाने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 3 दिन लंबी चर्चा (चिंतन बैठक) का सुझाव दिया है.

मंडाविया ने सुझाव दिया, 'हमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मंत्रियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाना चाहिए ताकि मुद्दों को प्राथमिकता पर लिया जा सके और एक-दूसरे को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सके.'

नई दिल्ली : भारत के 17 राज्यों की 20,34,14,329 से अधिक आबादी को अभी तक कोविड-19 टीकों की उनकी उचित खुराक नहीं मिल पाई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य की सूची में शीर्ष पर है जहां 1,57,22,285 लाभार्थियों ने निर्धारित अंतराल से अधिक की अवधि पार कर ली है और वैक्सीन नहीं ली है. यह एक चिंता का विषय है.

नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हम सभी राज्य सरकार से लोगों को आगे आने और टीकाकरण कराने की अपील करते हैं.

वहीं, मध्य प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है, जहां 1,18,78,710 लाभार्थियों ने निर्धारित अंतराल की अवधि पार कर ली है और टीकाकरण नहीं करवाया है. इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां आंकड़ों के अनुसार टीकाकरण के लिए 3,33,50,833 लाभार्थियों ने अपने निर्धारित अंतराल के 2 सप्ताह को पार कर लिया है.

वर्तमान में भारत अपने नागरिकों को कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक वी टीके दे रहा है. केंद्र ने यह भी नोट किया है कि बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, मनिओर, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित 10 राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम टीकाकरण किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि टीकाकरण की दो खुराक लेना वास्तव में महत्वपूर्ण है. विडंबना यह है कि टीकों की उपलब्धता के बावजूद, कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अभी तक अपनी आबादी को टीका नहीं लगाया है.

आंकड़ों के अनुसार, बुधवार तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 9,51,46,749 कोविशील्ड और 1,45,59,560 कोवैक्सिन सहित कुल 12,37,64,029 टीके अभी भी उपलब्ध हैं.

अब तक 72.15 करोड़ आबादी (वयस्क आबादी का 77 प्रतिशत) को टीके की पहली खुराक और 31.38 करोड़ (वयस्क आबादी का 33.4 प्रतिशत) को टीके की दूसरी खुराक मुहैया कराई जा चुकी है.

लक्षद्वीप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, दादरा और नगर हवेली सहित आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने टीकाकरण की पहली खुराक का 100 प्रतिशत पार कर लिया है.

बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, तमिलनाडु सहित कई जिलों में कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक का 50 प्रतिशत से कम टीकाकरण दर्ज किया गया है.

पढ़ें - केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अहम बैठक, कोविड टीकाकरण बढ़ाने से संबंधी मुद्दों पर की चर्चा

इसी तरह, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय तमिलनाडु, तेलंगाना जैसे राज्यों के कई जिलों ने दूसरी खुराक के टीकाकरण का 33 प्रतिशत से कम पंजीकृत किया.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दूसरी खुराक के देय लाभार्थियों के कवरेज के लिए जिलेवार योजनाओं की योजना और निष्पादन की समीक्षा करने का भी सुझाव दिया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण प्रक्रिया को कारगर बनाने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 3 दिन लंबी चर्चा (चिंतन बैठक) का सुझाव दिया है.

मंडाविया ने सुझाव दिया, 'हमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मंत्रियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाना चाहिए ताकि मुद्दों को प्राथमिकता पर लिया जा सके और एक-दूसरे को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सके.'

Last Updated : Oct 27, 2021, 7:49 PM IST
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