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महंगे विदेशी एन 95 मास्क से बेहतर है आईआईटी दिल्ली का आविष्कार 'कवच'

कोरोना के रोकथाम में एन 95 मास्क की मांग में काफी तेजी से इजाफा हुआ. महंगे विदेशी एन 95 मास्क से बेहतर आईआईटी दिल्ली ने आविष्कार किया है. इस मास्क को कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य प्रकार के वायरस रोकने के साथ प्रदूषण को भी रोकने के लिए सक्षम बनाया गया है. पढ़ें विस्तार से...

एन 95 मास्क कवच
एन 95 मास्क कवच
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Published : Jan 31, 2021, 1:42 PM IST

Updated : Jan 31, 2021, 4:40 PM IST

दिल्ली : देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में शुमार आईआईटी दिल्ली ने कोरोना की रोकथाम से जुड़ा एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. आईआईटी दिल्ली ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बने एन 95 स्तर के 50 लाख से अधिक मास्क कोरोना काल में लोगों तक पहुंचाने का रिकॉर्ड बनाया है.

देश ही नहीं दुनिया भर के किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए यह एक नया रिकॉर्ड है. आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा, हमने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित एन 95 के समान गुणवत्ता वाला मास्क बनाया है. मात्र 40 रुपये में यह एन 95 मास्क पूरे देश में उपलब्ध कराया जा सकता है.

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक उनकी इस स्वदेशी तकनीक ने गुणवत्ता के मामले में विदेशी एन 95 मास्क को भी पीछे छोड़ दिया है. विश्व स्तरीय परीक्षणों में आईआईटी दिल्ली का यह मास्क अधिक बेहतर प्रमाणित हुआ है.

आईआईटी दिल्ली अपनी इस तकनीक को अब सामान्य लोगों के साथ भी साझा कर रही है. इसके लिए कुछ एनजीओ और सोसायटी ग्रुप को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा, आईआईटी दिल्ली का हमारा टेक्सटाइल डिपार्टमेंट एक नई तकनीक के साथ आगे आया है. यहां जरूरत के समय 'कवच' ब्रांड के नाम से मास्क बनाने का काम किया गया. इसमें हमने बड़ी कामयाबी हासिल की. बीते करीब 8 महीने में आईआईटी दिल्ली ने 5 मिलियन मास्क बनाए हैं, इनमें से 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट किए गए हैं.

पढ़ें- हवा निकासी वाला एन-95 मास्क के इस्तेमाल पर रोक, फैला सकते हैं वायरस

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, कवच मास्क को कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य प्रकार के वायरस रोकने में भी सक्षम बनाया गया है. यह मास्क परीक्षण करते समय पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे हानिकारक प्रदूषण को भी रोकने में सक्षम पाया गया.

इसकी खास बात यह है कि यह मास्क कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे धो कर दोबारा इस्तेमाल करना संभव है. इस मास्क को पहनने के बाद सांस लेने में किसी प्रकार दिक्कत नहीं आएगी. मास्क पूरे चेहरे को कवर करेगा.

आईआईटी दिल्ली द्वारा बनाए गए यह एन95 मास्क सभी बड़े अस्पतालों समेत लाखों भारतीय तक पहुंचाए गए हैं. वहीं जरूरत के समय 20 लाख से अधिक विदेशी नागरिकों को भी कोरोना से बचने के लिए यह मास्क उपलब्ध कराए जा चुके हैं. प्रोफेसर राव के मुताबिक इंडस्ट्री के साथ मिलकर आईआईटी दिल्ली कोरोना से बचाने के लिए अभी भी इन मास्क का उत्पादन कर रहा है.

प्रोफेसर वी रामगोपाल राव के मुताबिक, आईआईटी दिल्ली में टेक्सटाइल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर बिपिन कुमार ने इस मास्क को बनाने में विशेष योगदान दिया है. अस्पतालों के अलावा आम लोगों को यह मास्क ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

दिल्ली : देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में शुमार आईआईटी दिल्ली ने कोरोना की रोकथाम से जुड़ा एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. आईआईटी दिल्ली ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बने एन 95 स्तर के 50 लाख से अधिक मास्क कोरोना काल में लोगों तक पहुंचाने का रिकॉर्ड बनाया है.

देश ही नहीं दुनिया भर के किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए यह एक नया रिकॉर्ड है. आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा, हमने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित एन 95 के समान गुणवत्ता वाला मास्क बनाया है. मात्र 40 रुपये में यह एन 95 मास्क पूरे देश में उपलब्ध कराया जा सकता है.

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक उनकी इस स्वदेशी तकनीक ने गुणवत्ता के मामले में विदेशी एन 95 मास्क को भी पीछे छोड़ दिया है. विश्व स्तरीय परीक्षणों में आईआईटी दिल्ली का यह मास्क अधिक बेहतर प्रमाणित हुआ है.

आईआईटी दिल्ली अपनी इस तकनीक को अब सामान्य लोगों के साथ भी साझा कर रही है. इसके लिए कुछ एनजीओ और सोसायटी ग्रुप को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा, आईआईटी दिल्ली का हमारा टेक्सटाइल डिपार्टमेंट एक नई तकनीक के साथ आगे आया है. यहां जरूरत के समय 'कवच' ब्रांड के नाम से मास्क बनाने का काम किया गया. इसमें हमने बड़ी कामयाबी हासिल की. बीते करीब 8 महीने में आईआईटी दिल्ली ने 5 मिलियन मास्क बनाए हैं, इनमें से 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट किए गए हैं.

पढ़ें- हवा निकासी वाला एन-95 मास्क के इस्तेमाल पर रोक, फैला सकते हैं वायरस

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, कवच मास्क को कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य प्रकार के वायरस रोकने में भी सक्षम बनाया गया है. यह मास्क परीक्षण करते समय पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे हानिकारक प्रदूषण को भी रोकने में सक्षम पाया गया.

इसकी खास बात यह है कि यह मास्क कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे धो कर दोबारा इस्तेमाल करना संभव है. इस मास्क को पहनने के बाद सांस लेने में किसी प्रकार दिक्कत नहीं आएगी. मास्क पूरे चेहरे को कवर करेगा.

आईआईटी दिल्ली द्वारा बनाए गए यह एन95 मास्क सभी बड़े अस्पतालों समेत लाखों भारतीय तक पहुंचाए गए हैं. वहीं जरूरत के समय 20 लाख से अधिक विदेशी नागरिकों को भी कोरोना से बचने के लिए यह मास्क उपलब्ध कराए जा चुके हैं. प्रोफेसर राव के मुताबिक इंडस्ट्री के साथ मिलकर आईआईटी दिल्ली कोरोना से बचाने के लिए अभी भी इन मास्क का उत्पादन कर रहा है.

प्रोफेसर वी रामगोपाल राव के मुताबिक, आईआईटी दिल्ली में टेक्सटाइल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर बिपिन कुमार ने इस मास्क को बनाने में विशेष योगदान दिया है. अस्पतालों के अलावा आम लोगों को यह मास्क ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

Last Updated : Jan 31, 2021, 4:40 PM IST
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