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इंदौर जू का ओपन पक्षी विहार, 300 से ज्यादा प्रजाति के पक्षियों का होगा दीदार

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Published : Feb 26, 2021, 1:56 PM IST

इंदौर के चिड़ियाघर में 300 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियों को सहेजने के लिए ओपन पक्षी विहार बनाया गया है, जहां दुर्लभ पक्षियों की 30 प्रजातियों के 300 से ज्यादा पक्षी उन्मुक्त रूप से रह रहे हैं.

इंदौर जू
इंदौर जू

इंदौर : दुनिया भर में विलुप्त होती पक्षियों की कई प्रजातियों को सहेजने के लिए इंदौर के चिड़ियाघर में सर्व सुविधा युक्त पक्षी विहार विकसित किया गया है. जहां दुर्लभ पक्षियों की अलग-अलग 30 प्रजातियों के 300 से ज्यादा पक्षी उन्मुक्त रूप से रह रहे हैं. खास बात यह है कि अफ्रीका और अमेरिकी महाद्वीप समेत न्यूजीलैंड आदि देशों से लाए गए यह पक्षी, पक्षी विहार में ही अब अपने घोंसले और घरौंदे भी बना रहे हैं, जिसे देखकर चिड़ियाघर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

ओपन पक्षी विहार
इंदौर का वन्य प्राणी संग्रहालय तरह-तरह के वन्य जीवों के साथ अब दुनिया भर के दुर्लभ पक्षियों का बसेरा भी है. दरअसल, विलुप्त होती दुर्लभ किस्म के पक्षियों की प्रजातियों को बचाने के साथ उन्हें सर्व सुविधा युक्त आश्रय स्थल मुहैया कराने के लिए यहां ओपन पक्षी विहार तैयार किया गया है. कई एकड़ में फैले इस परिसर में पक्षियों के लिए एक डोम आकार का पक्षी विहार तैयार किया गया है, जिसमें 30 से ज्यादा दुर्लभ पक्षियों को प्राकृतिक माहौल देते हुए पक्षियों को तमाम आवासीय सुविधाएं और संरक्षण प्रदान किया जा रहा है. दरअसल, यह पहला पक्षी विहार कुछ इस तरह बनाया गया है कि यहां सभी पक्षी खुले प्राकृतिक माहौल में विचरण कर सकें और उन्हें देखने के लिए यहां आने वाले दर्शकों के आसपास मौजूद भी रह सके.

इंदौर के चिड़ियाघर में सर्व सुविधा युक्त पक्षी विहार विकसित

इसके बाद पक्षियों को उनका पसंदीदा भोजन और पूरे परिसर में परिंदों को उन्मुक्त रूप से उड़ने और बैठने के लिए खूबसूरत स्थानों का प्राकृतिक निर्माण किया गया है. यहां पर ब्राजील से लाया गया मकाउ तोता और कैलिफोर्निया का क्वेल पक्षी समेत कनूर बोकादू, पजरीगर, कोकाटील ट्विल्स के साथ-साथ तरह-तरह के और विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे तोते प्राकृतिक और वीआईपी आवासीय परिसर में रह रहे हैं, जो कर्मचारियों से इतने हिल मिल गए हैं, जो अब एक आवाज पर उनके पास आ जाते हैं. दरअसल, इंदौर में यह प्रयोग विदेशों में इतना ही नहीं अब यह पक्षी यहां ब्रीडिंग के लिए अपने घोसले बना रहे हैं.

पढ़ें- तालाब में गिरे घोड़े को अधिकारियों ने किया रेस्क्यू

ब्रीडिंग के लिए स्ट्रेस फ्री माहौल
इंदौर के प्राणी संग्रहालय में पक्षियों के अलावा वन्य प्राणियों को भी स्ट्रेस फ्री माहौल दिया जा रहा है. इसके अलावा उनके खानपान देखभाल और बीमारी की स्थिति में तत्काल इलाज की व्यवस्था है. दुर्लभ पक्षियों के लिए भी जो पक्षी विहार तैयार किया गया है, उसमें पक्षियों के पूरे हैबिटेट और रहन-सहन के अध्ययन के साथ ही पक्षियों के अनुसार, आवासीय स्थल प्राकृतिक रूप में विकसित किए गए हैं. सबसे जरूरी कोशिश इस बात की कि गई है की मूल रूप से जिन देशों के यह पक्षी हैं, उन्हें वही जैसा क्लाइमेट यहां मुहैया कराया जाए, इसलिए पक्षी विहार के अंदर ही फव्वारे, रेनफॉल, स्प्रिंकलर और उनके अलग-अलग घोसले विकसित किए गए हैं.

खानपान और हैबिटेट पर खास ध्यान
इंदौर के पक्षी विहार में हर पक्षी के लिए उसकी पसंद के दाने पानी की व्यवस्था की गई है. इसके लिए करीब एक दर्जन कर्मचारियों को यहां तैनात किया गया है, जो समय-समय पर पक्षियों को उनकी जरूरत के अनुसार, पसंदीदा भोजन मुहैया कराते हैं. इस दौरान कोशिशें की जाती है कि जिस पक्षी को जो खाना पसंद है, वही उसे अलग-अलग रूपों में खिलाया जाता है, जिसके कारण यहां अब पक्षियों की ब्रीडिंग की व्यापक संभावनाएं नजर आ रही हैं.

वन्य प्राणियों और पक्षियों के लिहाज से सबसे समृद्ध
इंदौर का प्राणी संग्रहालय प्रदेश का वन्य जीवों और तरह-तरह के प्राणियों की उपलब्धता के लिहाज से सबसे समृद्ध प्राणी संग्रहालय है, यहां तरह-तरह के दुर्लभ पक्षी, टाइगर, लायन, शुतुरमुर्ग, बंदर और दुर्लभ सांपों का संग्रहालय भी है. दरअसल, इंदौर के चिड़ियाघर में वन्य प्राणियों की लगातार बिल्डिंग के चलते एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति के बाद देश के अन्य प्राणी संग्रहालय, वन्य प्राणी एक्सचेंज किए गए हैं, जिसके चलते यहां वन्य प्राणियों की विविधता पाई जाती है.

इंदौर : दुनिया भर में विलुप्त होती पक्षियों की कई प्रजातियों को सहेजने के लिए इंदौर के चिड़ियाघर में सर्व सुविधा युक्त पक्षी विहार विकसित किया गया है. जहां दुर्लभ पक्षियों की अलग-अलग 30 प्रजातियों के 300 से ज्यादा पक्षी उन्मुक्त रूप से रह रहे हैं. खास बात यह है कि अफ्रीका और अमेरिकी महाद्वीप समेत न्यूजीलैंड आदि देशों से लाए गए यह पक्षी, पक्षी विहार में ही अब अपने घोंसले और घरौंदे भी बना रहे हैं, जिसे देखकर चिड़ियाघर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

ओपन पक्षी विहार
इंदौर का वन्य प्राणी संग्रहालय तरह-तरह के वन्य जीवों के साथ अब दुनिया भर के दुर्लभ पक्षियों का बसेरा भी है. दरअसल, विलुप्त होती दुर्लभ किस्म के पक्षियों की प्रजातियों को बचाने के साथ उन्हें सर्व सुविधा युक्त आश्रय स्थल मुहैया कराने के लिए यहां ओपन पक्षी विहार तैयार किया गया है. कई एकड़ में फैले इस परिसर में पक्षियों के लिए एक डोम आकार का पक्षी विहार तैयार किया गया है, जिसमें 30 से ज्यादा दुर्लभ पक्षियों को प्राकृतिक माहौल देते हुए पक्षियों को तमाम आवासीय सुविधाएं और संरक्षण प्रदान किया जा रहा है. दरअसल, यह पहला पक्षी विहार कुछ इस तरह बनाया गया है कि यहां सभी पक्षी खुले प्राकृतिक माहौल में विचरण कर सकें और उन्हें देखने के लिए यहां आने वाले दर्शकों के आसपास मौजूद भी रह सके.

इंदौर के चिड़ियाघर में सर्व सुविधा युक्त पक्षी विहार विकसित

इसके बाद पक्षियों को उनका पसंदीदा भोजन और पूरे परिसर में परिंदों को उन्मुक्त रूप से उड़ने और बैठने के लिए खूबसूरत स्थानों का प्राकृतिक निर्माण किया गया है. यहां पर ब्राजील से लाया गया मकाउ तोता और कैलिफोर्निया का क्वेल पक्षी समेत कनूर बोकादू, पजरीगर, कोकाटील ट्विल्स के साथ-साथ तरह-तरह के और विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे तोते प्राकृतिक और वीआईपी आवासीय परिसर में रह रहे हैं, जो कर्मचारियों से इतने हिल मिल गए हैं, जो अब एक आवाज पर उनके पास आ जाते हैं. दरअसल, इंदौर में यह प्रयोग विदेशों में इतना ही नहीं अब यह पक्षी यहां ब्रीडिंग के लिए अपने घोसले बना रहे हैं.

पढ़ें- तालाब में गिरे घोड़े को अधिकारियों ने किया रेस्क्यू

ब्रीडिंग के लिए स्ट्रेस फ्री माहौल
इंदौर के प्राणी संग्रहालय में पक्षियों के अलावा वन्य प्राणियों को भी स्ट्रेस फ्री माहौल दिया जा रहा है. इसके अलावा उनके खानपान देखभाल और बीमारी की स्थिति में तत्काल इलाज की व्यवस्था है. दुर्लभ पक्षियों के लिए भी जो पक्षी विहार तैयार किया गया है, उसमें पक्षियों के पूरे हैबिटेट और रहन-सहन के अध्ययन के साथ ही पक्षियों के अनुसार, आवासीय स्थल प्राकृतिक रूप में विकसित किए गए हैं. सबसे जरूरी कोशिश इस बात की कि गई है की मूल रूप से जिन देशों के यह पक्षी हैं, उन्हें वही जैसा क्लाइमेट यहां मुहैया कराया जाए, इसलिए पक्षी विहार के अंदर ही फव्वारे, रेनफॉल, स्प्रिंकलर और उनके अलग-अलग घोसले विकसित किए गए हैं.

खानपान और हैबिटेट पर खास ध्यान
इंदौर के पक्षी विहार में हर पक्षी के लिए उसकी पसंद के दाने पानी की व्यवस्था की गई है. इसके लिए करीब एक दर्जन कर्मचारियों को यहां तैनात किया गया है, जो समय-समय पर पक्षियों को उनकी जरूरत के अनुसार, पसंदीदा भोजन मुहैया कराते हैं. इस दौरान कोशिशें की जाती है कि जिस पक्षी को जो खाना पसंद है, वही उसे अलग-अलग रूपों में खिलाया जाता है, जिसके कारण यहां अब पक्षियों की ब्रीडिंग की व्यापक संभावनाएं नजर आ रही हैं.

वन्य प्राणियों और पक्षियों के लिहाज से सबसे समृद्ध
इंदौर का प्राणी संग्रहालय प्रदेश का वन्य जीवों और तरह-तरह के प्राणियों की उपलब्धता के लिहाज से सबसे समृद्ध प्राणी संग्रहालय है, यहां तरह-तरह के दुर्लभ पक्षी, टाइगर, लायन, शुतुरमुर्ग, बंदर और दुर्लभ सांपों का संग्रहालय भी है. दरअसल, इंदौर के चिड़ियाघर में वन्य प्राणियों की लगातार बिल्डिंग के चलते एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति के बाद देश के अन्य प्राणी संग्रहालय, वन्य प्राणी एक्सचेंज किए गए हैं, जिसके चलते यहां वन्य प्राणियों की विविधता पाई जाती है.

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