कोलकाता : गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से सतर्क पश्चिम बंगाल सरकार अब राज्य में लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व वाले 2,109 पुलों की स्वास्थ्य जांच करेगी. राज्य सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि नबन्ना किसी भी तरह से लोगों की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं. इस मामले में उत्तर और दक्षिण बंगाल के सभी पुलों की स्थिति चरणबद्ध तरीके से जांच की जाएगी.
गुजरात हादसे के बाद सोमवार को तय हुआ कि पश्चिम बंगाल में पुलों की स्थिति पर मंगलवार को बैठक होगी. बैठक में किसी भी फ्लाईओवर की मरम्मत और रखरखाव की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी के दो विभागों के सचिवों ने भाग लिया. बैठक में जिले के अधिकारी भी मौजूद थे. अधिकारी ने बताया कि बैठक में सिलीगुड़ी में कोरोनेशन ब्रिज और कांगसाबती में बीरेंद्र सासमल सेतु को जल्द से जल्द ठीक करने का निर्णय लिया गया.
पढ़ें: मोरबी हादसा: अदालत ने गिरफ्तार नौ आरोपियों में से चार को पुलिस हिरासत में भेजा
इसके लिए 7 नवंबर को टेंडर निकाले जाएंगे. शिलाबती नदी पर एक और पुल प्रस्तावित किया गया है. बीरेन सासमल ब्रिज के निर्माण के बाद चार लेन का नया पुल बनाया जाएगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी पुलों और फ्लाईओवरों की स्थिति की जांच की जाए और एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश की जाए. जो पुल कमजोर हैं उन पर हाइट बार लगाकर भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण किया जाएगा.
बंगाल में 2,109 पुल, सभी का होगा निरीक्षण : अधिकारी ने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री पुलक रॉय ने वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ बैठक के दौरान उन्हें पुलों की स्थिति का निरीक्षण करने और नवंबर के अंत तक आवश्यक टिप्पणियों के साथ रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. अधिकारी ने कहा कि रॉय ने इंजीनियरों को निर्देश दिया कि यदि सर्वेक्षण में किसी भी पुल में समस्या आती है तो तत्काल उपाय करें. उन्होंने कहा कि संतरागाछी पुल की मरम्मत के लिए आवश्यक कार्य भी 10 नवंबर से शुरू हो जाएगा.
पढ़ें: मोरबी हादसा : न्यायिक जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल
पढ़ें: मोरबी हादसे की व्यापक जांच कर इससे जुड़े सबक को अमल में लाया जाए : मोदी