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No Confidence Motion: पीएम मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज तीसरा दिन है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को प्रस्ताव पर बहस शुरू की जो बाद में विपक्ष और केंद्र के बीच तीखी बहस में बदल गई. गोगोई ने सदन में बोलते हुए कहा कि विपक्ष को पीएम के 'मौन व्रत' को तोड़ने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा और उन्होंने पीएम से तीन सवाल भी पूछे. पढ़ें पूरी खबर...

No Confidence Motion 3rd Day
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Aug 10, 2023, 7:29 AM IST

Updated : Aug 10, 2023, 7:56 AM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र 2023 में दो दिन से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी है. केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है. आज बहस का तीसरा दिन है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी आज अविश्वास प्रस्ताव की बहस में शामिल होंगे और शाम 4 बजे जवाब देंगे. सदन स्थगित होने से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री ने इसकी पुष्टि की. दो दिन पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस बहस की शुरुआत की थी.

वहीं, बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला. इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया. विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था.

हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार पर कोई संकट नहीं आयेगा. क्योंकि उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों के पास लोकसभा में बहुमत है. बता दें कि कोई भी लोकसभा सांसद, जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन है, किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. एक बार प्रस्ताव पेश होने के बाद उसकी चर्चा की जायेगी. प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसद सरकार की कमियों को उजागर करते हैं और सत्ता पक्ष के सांसद उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हैं. अंततः मतदान होता है और यदि प्रस्ताव सफल होता है, तो सरकार गिर जाती है.

विशेष रूप से, एनडीए के पास 331 सांसदों के साथ प्रशंसनीय बहुमत है, जिसमें से भाजपा के पास 303 सांसद हैं, जबकि विपक्षी गुट इंडिया की संयुक्त ताकत 144 है. निचले सदन में असंगठित दलों के सांसदों की संख्या 70 है. यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है. मोदी सरकार के खिलाफ इस तरह का पहला प्रस्ताव आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देने को लेकर 2018 में पेश किया गया था जो बहुमत से गिर गया था.

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इससे पहले, मंगलवार को बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद तरुण गोगई ने पीएम मोदी से तीन सवाल भी पूछे. उन्होंने पूछा कि वह अभी तक मणिपुर क्यों नहीं गए? केंद्रीय गृह मंत्री वहां गए और गृह राज्य मंत्री भी गए, लेकिन देश के पीएम होने के नाते मोदी राज्य में क्यों नहीं गए? दूसरा सवाल है- मोदी जी को मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लग गए? जब वो बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड ही बोले. उन्होंने आगे सवाल किया कि पीएम ने अभी तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया. गोगोई ने मंगलवार को कहा कि मेरा तीसरा सवाल यह है कि पीएम ने अभी तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया है.

(एएनआई)

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र 2023 में दो दिन से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी है. केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है. आज बहस का तीसरा दिन है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी आज अविश्वास प्रस्ताव की बहस में शामिल होंगे और शाम 4 बजे जवाब देंगे. सदन स्थगित होने से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री ने इसकी पुष्टि की. दो दिन पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस बहस की शुरुआत की थी.

वहीं, बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला. इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया. विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था.

हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार पर कोई संकट नहीं आयेगा. क्योंकि उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों के पास लोकसभा में बहुमत है. बता दें कि कोई भी लोकसभा सांसद, जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन है, किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. एक बार प्रस्ताव पेश होने के बाद उसकी चर्चा की जायेगी. प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसद सरकार की कमियों को उजागर करते हैं और सत्ता पक्ष के सांसद उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हैं. अंततः मतदान होता है और यदि प्रस्ताव सफल होता है, तो सरकार गिर जाती है.

विशेष रूप से, एनडीए के पास 331 सांसदों के साथ प्रशंसनीय बहुमत है, जिसमें से भाजपा के पास 303 सांसद हैं, जबकि विपक्षी गुट इंडिया की संयुक्त ताकत 144 है. निचले सदन में असंगठित दलों के सांसदों की संख्या 70 है. यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है. मोदी सरकार के खिलाफ इस तरह का पहला प्रस्ताव आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देने को लेकर 2018 में पेश किया गया था जो बहुमत से गिर गया था.

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इससे पहले, मंगलवार को बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद तरुण गोगई ने पीएम मोदी से तीन सवाल भी पूछे. उन्होंने पूछा कि वह अभी तक मणिपुर क्यों नहीं गए? केंद्रीय गृह मंत्री वहां गए और गृह राज्य मंत्री भी गए, लेकिन देश के पीएम होने के नाते मोदी राज्य में क्यों नहीं गए? दूसरा सवाल है- मोदी जी को मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लग गए? जब वो बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड ही बोले. उन्होंने आगे सवाल किया कि पीएम ने अभी तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया. गोगोई ने मंगलवार को कहा कि मेरा तीसरा सवाल यह है कि पीएम ने अभी तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया है.

(एएनआई)

Last Updated : Aug 10, 2023, 7:56 AM IST
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