मथुराः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) 28 नवंबर को मथुरा पहुंच रहे हैं. वह फरह क्षेत्र के परखम मे दीनदयाल गो विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करेंगे. दावा है कि यह एशिया का सबसे बड़ा गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र होगा. मोहन भागवत के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय समिति कार्यक्रम की तैयारी में जुट चुका है. बताया जा रहा है कि प्रशिक्षण केंद्र में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार सृजित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मस्थली नगला चंदभान के पास परखम गांव मे दीनदयाल गो विज्ञान अनुसंधान एंव प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करने के लिए पहुंच रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संचालक मोहन भागवत कार्यक्रम को लेकर अंतिम रूप दिया जा रहा है. वह परिसर में पशु चिकित्सालय अनुसंधान केंद्र और छात्रावास का भी शिलान्यास करेंगे.
100 एकड़ में बनाया जा रहा अनुसंधान केंद्र
परखम गांव मे दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति द्वारा पशु चिकित्सालय अनुसंधान केंद्र और छात्रावास 100 एकड़ जमीन पर तैयार किया जा रहा है. यह देश का पहला आयुर्वेदिक अनुसंधान पशु चिकित्सालय है. गोवंश की नेशनल में सुधार के साथ-साथ अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र भी होगा जो कि विश्व स्तरीय होगा. कृषि बागवानी कृषि अभियांत्रिकी के भू स्थानीक प्रौद्योगिकी खाद प्रसंकरण प्रौद्योगिकी के साथ-साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा.
गो विज्ञान केंद्र की खासियत
- एशिया का सबसे बड़ा गो विज्ञान केंद्र होगा
- 20 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा
- जन सहयोग से तैयार किया जा रहा केंद्र
- यहां कई टेस्टिंग लैब भी होंगी
- युवाओं को उद्यमी बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी
- गोवंश की नस्ल सुधार पर शोध होगा
- पंचगव्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए अनुसंधान किया जाएगा
- गो उत्पादों को और बेहतर बनाने के लिए शोध होंगे
समिति सदस्य मुकेश शर्मा ने बताया कि परखम गांव में दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति द्वारा दीनदयाल गोविज्ञान अनुसंधान एंव प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संचालक मोहन भागवत 28 नवंबर को यहां पहुंच रहे हैं. सभी तैयारियां पूरी की जा रही है. दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मस्थली नगला चंद्रभान में यह कार्यक्रम होगा.
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