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मोहम्मद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से यूपी में दर्ज छह FIR रद्द करने की अपील की

'ऑल्ट न्यूज' के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने उच्चतम न्यायालय में नई याचिका दायर की है और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज छह मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किए जाने को चुनौती दी है.

SC MUHAMMED ZUBAIR
मोहम्मद जुबैर सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jul 14, 2022, 6:25 PM IST

नई दिल्ली: 'ऑल्ट न्यूज' के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज छह एफआईआर को रद्द करने की अपील की. जुबैर ने नई याचिका में सभी छह मामलों में अंतरिम जमानत देने की अपील भी की है. उनकी याचिका में इन छह मामलों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष जांच दल गठित किए जाने को भी चुनौती दी है.

शीर्ष अदालत ने जुबैर को केवल सिरापुर मामले में जमानत दी थी. वह अभी भी हाथरस, गाजियाबाद, लखीमपुर खीरी और मुजफ्फरनगर में उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों के तहत न्यायिक हिरासत में हैं. मोहम्मद जुबैर को चार साल पहले किए गए उनके एक ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया गया है. उन पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए धारा 295 और धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

हाथरस की अदालत ने जुबैर को न्यायिक हिरासत में भेजा
वहीं, हाथरस (यूपी) की एक अदालत ने गुरुवार को मोहम्मद जुबैर को 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप हैं. यह जानकारी जुबैर के अधिवक्ता ने दी. मोहम्मद जुबैर को गुरुवार दोपहर भारी सुरक्षा के बीच हाथरस के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवकुमारी के सामने पेश किया गया. अदालत ने उसे इसी महीने 27 जुलाई को पेश करने का आदेश देने के साथ न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

जुबैर को हाथरस सदर कोतवाली थाने में दर्ज एक मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा वारंट के तहत तिहाड़ जेल से हाथरस अदालत लाया गया था. दीपक शर्मा नामक एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता ने 14 जून, 2022 को आरोप लगाया कि चार साल पहले एक ट्विटर पोस्ट में उन्होंने हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत किया था.

यह भी पढ़ें- ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर हाथरस कोर्ट में पेश, 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में

नई दिल्ली: 'ऑल्ट न्यूज' के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज छह एफआईआर को रद्द करने की अपील की. जुबैर ने नई याचिका में सभी छह मामलों में अंतरिम जमानत देने की अपील भी की है. उनकी याचिका में इन छह मामलों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष जांच दल गठित किए जाने को भी चुनौती दी है.

शीर्ष अदालत ने जुबैर को केवल सिरापुर मामले में जमानत दी थी. वह अभी भी हाथरस, गाजियाबाद, लखीमपुर खीरी और मुजफ्फरनगर में उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों के तहत न्यायिक हिरासत में हैं. मोहम्मद जुबैर को चार साल पहले किए गए उनके एक ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया गया है. उन पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए धारा 295 और धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

हाथरस की अदालत ने जुबैर को न्यायिक हिरासत में भेजा
वहीं, हाथरस (यूपी) की एक अदालत ने गुरुवार को मोहम्मद जुबैर को 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप हैं. यह जानकारी जुबैर के अधिवक्ता ने दी. मोहम्मद जुबैर को गुरुवार दोपहर भारी सुरक्षा के बीच हाथरस के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवकुमारी के सामने पेश किया गया. अदालत ने उसे इसी महीने 27 जुलाई को पेश करने का आदेश देने के साथ न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

जुबैर को हाथरस सदर कोतवाली थाने में दर्ज एक मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा वारंट के तहत तिहाड़ जेल से हाथरस अदालत लाया गया था. दीपक शर्मा नामक एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता ने 14 जून, 2022 को आरोप लगाया कि चार साल पहले एक ट्विटर पोस्ट में उन्होंने हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत किया था.

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