मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शुक्रवार सुबह घोषणा की कि उन्होंने 5 जून को अपनी प्रस्तावित अयोध्या यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है. यह घोषणा मनसे को दिक्कत में डाल सकती है. राज ठाकरे ने खुद सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि वह फिलहाल अयोध्या यात्रा नहीं कर रहे हैं, इसके पीछे का कारण अभी साफ नही है.
एमएनएस के प्रवक्ता संदीप देशपांडे और पार्टी नेता बाला नंदगांवकर दोनों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि निर्णय ऐसा निर्णय क्यों किया गया. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज रविवार को पुणे में अपनी नियोजित सार्वजनिक रैली में लोगों को इसके बारे में बताएंगे. एमएनएस की बेचैनी को बढ़ाते हुए, शिवसेना के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले दोनों ने घोषणा की कि राम लला के दर्शन के लिए उनके आगामी दौरे तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ेंगे और उनकी यात्राएं गैर-राजनीतिक होंगी.
उत्तर प्रदेश और यहां तक कि अन्य उत्तरी राज्यों में उनकी अयोध्या यात्रा का विरोध करने वाले भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकतार्ओं द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध के बीच राज ठाकरे का अचानक निर्णय आया. वे 2008 में मनसे आंदोलन में उत्तर भारतीयों के साथ हुए व्यवहार के लिए माफी की मांग कर रहे थे.
राज विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने किया था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि जब तक वह माफी नहीं मांगते, उनके लाखों समर्थक जून में अयोध्या में उनके प्रवेश को रोक देंगे. हालांकि राज ने कुछ भी खुलासा नहीं किया है, ऐसी अटकलें हैं कि स्थगन स्वास्थ्य कारणों से हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में वापस, बृजभूषण शरण सिंह ने स्थगन के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि राज ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है, और उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि वह माफी नहीं मांग लेते. इससे पहले, धमकियों को देखते हुए नंदगांवकर ने महा विकास आघाड़ी के गृह मंत्री दिलीप वालसे ने पाटिल से मुलाकात की और राज्य सरकार या केंद्र से राज के लिए सुरक्षा की मांग की.
उन्होंने चेतावनी दी कि, "राज के एक बाल को भी नुकसान पहुंचा तो महाराष्ट्र जल जाएगा." राज्य की सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने के बाद से राज एक महीने से सुर्खियों में हैं.
(IANS)