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पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा के मिश्रण से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा: सर्बानंद सोनोवाल

जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Minister of Shipping and Waterways) ने कहा कि पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा (Traditional and Modern Medicine) का मिश्रण निश्चित रूप से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि देश ने कोविड-19 (COVID-19) के दौरान आयुष चिकित्सा प्रणाली (AYUSH System of Medicine) के महत्व को देखा.

Waterways Minister Sarbananda Sonowal
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2023, 3:26 PM IST

नई दिल्ली: आयुष, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को दोहराया कि पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का मिश्रण निश्चित रूप से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देगा. सोनोवाल ने यह बात तब कही जब उनसे 'मिक्सोपैथी' प्रणाली के बारे में पूछा गया, जिसका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कड़ा विरोध किया था.

उन्होंने कहा कि हमने कोविड-19 महामारी के दौरान आयुष चिकित्सा प्रणाली के महत्व को देखा है. हमारा मानना है कि पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा की एकीकृत प्रणाली भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा दे सकती है. वास्तव में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और हमारा मंत्रालय चिकित्सा की एकीकृत प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.

सोनोवाल 10 नवंबर को आयोजित होने वाले 8वें आयुर्वेद दिवस के सिलसिले में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने आयुष मंत्रालय के एक महीने तक चलने वाले आयुर्वेद उत्सव अभियान की भी शुरुआत की. सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत में विश्वास रखता है. समग्र उपचार और स्वस्थ जीवन के विज्ञान, आयुर्वेद की क्षमता का उपयोग करके, वन हेल्थ की चिंताओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक क्रांति लाई जा सकती है.

छात्रों, किसानों और जनता को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने के लिए पूरे भारत में एक महीने तक चलने वाले समारोह की योजना बनाई गई है. पूरे देश में लाखों लोगों को शामिल करते हुए 'एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद' विषय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस मुद्दे पर बात करते हुए, आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि महीने भर चलने वाले अभियान में आयुर्वेद संस्थानों में प्रदर्शनी सह मिनी एक्सपो, अनुसंधान अध्ययनों के परिणामों का प्रसार, किसानों को सामान्य औषधीय पौधों का वितरण और अन्य शामिल होंगे.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने 150 से अधिक औषधीय पौधे विकसित किए हैं, जिन्हें किसानों को वितरित किया जाएगा. इस वर्ष के आयुर्वेद दिवस समारोह का एक केंद्रित क्षेत्र किसानों के लिए आयुर्वेद है. कोटेचा ने कहा कि प्रस्तावित गतिविधियां कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय और पशुपालन विभाग के समन्वय से आयोजित की जाएंगी.

नई दिल्ली: आयुष, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को दोहराया कि पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का मिश्रण निश्चित रूप से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देगा. सोनोवाल ने यह बात तब कही जब उनसे 'मिक्सोपैथी' प्रणाली के बारे में पूछा गया, जिसका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कड़ा विरोध किया था.

उन्होंने कहा कि हमने कोविड-19 महामारी के दौरान आयुष चिकित्सा प्रणाली के महत्व को देखा है. हमारा मानना है कि पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा की एकीकृत प्रणाली भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा दे सकती है. वास्तव में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और हमारा मंत्रालय चिकित्सा की एकीकृत प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.

सोनोवाल 10 नवंबर को आयोजित होने वाले 8वें आयुर्वेद दिवस के सिलसिले में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने आयुष मंत्रालय के एक महीने तक चलने वाले आयुर्वेद उत्सव अभियान की भी शुरुआत की. सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत में विश्वास रखता है. समग्र उपचार और स्वस्थ जीवन के विज्ञान, आयुर्वेद की क्षमता का उपयोग करके, वन हेल्थ की चिंताओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक क्रांति लाई जा सकती है.

छात्रों, किसानों और जनता को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने के लिए पूरे भारत में एक महीने तक चलने वाले समारोह की योजना बनाई गई है. पूरे देश में लाखों लोगों को शामिल करते हुए 'एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद' विषय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस मुद्दे पर बात करते हुए, आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि महीने भर चलने वाले अभियान में आयुर्वेद संस्थानों में प्रदर्शनी सह मिनी एक्सपो, अनुसंधान अध्ययनों के परिणामों का प्रसार, किसानों को सामान्य औषधीय पौधों का वितरण और अन्य शामिल होंगे.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने 150 से अधिक औषधीय पौधे विकसित किए हैं, जिन्हें किसानों को वितरित किया जाएगा. इस वर्ष के आयुर्वेद दिवस समारोह का एक केंद्रित क्षेत्र किसानों के लिए आयुर्वेद है. कोटेचा ने कहा कि प्रस्तावित गतिविधियां कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय और पशुपालन विभाग के समन्वय से आयोजित की जाएंगी.

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