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विदेशों से चंदा ले सकेगी मिशनरीज ऑफ चैरिटी, गृह मंत्रालय ने दी हरी झंडी

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Published : Jan 8, 2022, 11:09 AM IST

मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए अब विदेशी चंदा लेने का रास्ता साफ हो गया है. गृह मंत्रालय ने संस्था का एफसीआरए लाइसेंस रिन्यूअल कर दिया है.

Missionaries of Charity
Missionaries of Charity

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मदर टेरेसा की संस्था के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) का रजिस्ट्रेशन बहाल कर दिया है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ओर से आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद सरकार ने यह फैसला किया.

बता दें पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने देश के करीब 12 हजार से अधिक एनजीओ का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रिन्यू नहीं करने का फैसला किया था. इस कार्रवाई में मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लाइसेंस को भी रिन्यू नहीं किया गया था.

इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक अकाउंट फ्रीज करने का आरोप लगाया था. उन्होंने ट्वीटर हैंडल से इस बारे में आपत्ति दर्ज कराई थी. तब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया है बल्कि पात्रता की शर्त पूरा नहीं करने के कारण संस्था के एफसीआरए लाइसेंस रिन्यूअल करने से इनकार किया है.

बता दें कि कोई भी संस्था विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (Foreign Contribution Regulation Act ) के तहत विदेशों से चंदा लेती है. यह कानून विदेशी से मिलने वाले डोनेशन को नियंत्रित करता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी विदेशी चंदा भारत की आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाले. हर पांच साल में इसका रिन्यूअल होता है. इस दौरान संस्थाओं से विदेशी चंदे का हिसाब-किताब मांगा जाता है.

पढ़ें : 'महाराष्ट्र की राबड़ी देवी' वाले पोस्ट पर RJD की नसीहत, पूर्व सीएम को ट्रोल करना उचित नहीं

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मदर टेरेसा की संस्था के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) का रजिस्ट्रेशन बहाल कर दिया है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ओर से आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद सरकार ने यह फैसला किया.

बता दें पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने देश के करीब 12 हजार से अधिक एनजीओ का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रिन्यू नहीं करने का फैसला किया था. इस कार्रवाई में मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लाइसेंस को भी रिन्यू नहीं किया गया था.

इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक अकाउंट फ्रीज करने का आरोप लगाया था. उन्होंने ट्वीटर हैंडल से इस बारे में आपत्ति दर्ज कराई थी. तब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया है बल्कि पात्रता की शर्त पूरा नहीं करने के कारण संस्था के एफसीआरए लाइसेंस रिन्यूअल करने से इनकार किया है.

बता दें कि कोई भी संस्था विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (Foreign Contribution Regulation Act ) के तहत विदेशों से चंदा लेती है. यह कानून विदेशी से मिलने वाले डोनेशन को नियंत्रित करता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी विदेशी चंदा भारत की आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाले. हर पांच साल में इसका रिन्यूअल होता है. इस दौरान संस्थाओं से विदेशी चंदे का हिसाब-किताब मांगा जाता है.

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