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हरियाणा में 22 साल बाद परिवार से मिला बिहार का लापता व्यक्ति, मिलन देख भावुक हो गये लोग

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Published : Apr 20, 2023, 2:29 PM IST

बॉलीवुड की फिल्म ओम शांति ओम में शाहरुख खान का एक डायलॉग है. 'इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हे पाने की कोशिश की है, कि हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की है'. ये फिल्मी बातें कई बार कुछ लोगों की जिंदगी का सच बन जाती हैं. हरियाणा के करनाल में एक लापता व्यक्ति 22 साल बाद अपने परिवार से मिला. पत्नी ने पति की सलामती के लिए कभी मांग से सिंदूर नहीं मिटाया. आखिरकार इसी भरोसे ने उसे अपने बिछड़े सुहाग से मिला दिया.

Missing person found after 22 years
Bihar Missing Ramakant Jha

करनाल: 22 साल पहले लापता हुआ एक व्यक्ति बुधवार को हरियाणा के करनाल में अपने परिवार को मिल गया. 22 साल के इस लंबे वक्त में 3 साल का बेटा 25 साल का हो गया. वो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगा. पत्नी हर रोज अपने पति की वापसी के इंतजार में दरवाजे पर नजरें टिकाये बैठी रहती. शिद्दत से की गई ये मोहब्बत आखिरकार रंग लाई और 22 साल बाद उसे उसका सुहाग और बेटे को पिता मिल गया. करनाल में परिवार का ये मिलन देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं.

बिहार के रमाकांत झा की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी जैसी है. हरियाणा और पंजाब से अंजान रमाकांत झा बिहार के दरभंगा जिले के बिछौली गांव से परिवार को छोड़कर रोजगार की तलाश में लुधियाना के लिए निकला था. जब वो रोजगार के लिए निकला तो घर में तीन साल का बेटा और पत्नी थी. लुधियाना जाते समय रास्ते में वो पानी पीने के लिए अंबाला रेलवे स्टेशन पर उतरा. जब तक वो पानी लाता गाड़ी स्टेशन से निकल गई. शहरी चकाचौंध से अनजान रमाकांत यहीं पर भटक गया और अपने घर वापस नहीं जा सका. इस दौरान उसकी मानसिक हालत और खराब हो गई जिसके चलते वो अपनी पहचान भी भूल गया.

ये भी पढ़ें- करीब तीन महीने से लापता महिला के दो बच्चे, पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप, पति के साथ लगा रही गुमशुदगी के पोस्टर

परिवार वालों ने दरभंगा में उसके गायब होने की एफआईआर भी लिखवाई थी लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर सकी. रमाकांत के परिजनों ने उसकी तलाश में रात दिन एक कर दिया. उसे हर जगह खोजने की कोशिश की लेकिन निराशा ही हाथ लगी. हताश होकर परिवार वाले भी घर बैठ गये लेकिन मिलने की उम्मीद नहीं छोड़ी. पत्नी ने पति के लौटने की उम्मीद में मांग से सिंदूर नहीं मिटाया. उसकी नजर हर रोज उसके लौटने की आस में दरवाजे पर टिकी रहतीं.

इसी बीच करनाल की समाजसेवी संस्था आशियाना के संचालक राजकुमार अरोड़ा को करीब दो महीने पहले रमाकांत करनाल शुगर मिल के पास बेबसी की हालत में मिला. उसकी सेहत बहुत खराब थी. वो एक ही जगह बैठा रहता था. किसी ने खाना दे दिया तो खा लिया वरना भूखा रहता. आशियाना संस्था संचालक राजकुमार अरोड़ा उसे अपने साथ ले गये. उसे नहलाया धुलाया. खाना खिलाया और उसका इलाज कराया. करीब डेढ़ से दो महीने इलाज के बाद रमाकांत की सेहत में सुधार हुआ तो उसे अपनी पहचान भी याद आ गई. जिसके बाद उसने अपनी कहानी राजकुमार को बता दी. उसकी बात सुनकर राजकुमार ने रमाकांत के गांव और एसपी दरभंगा को फोन किया.

Missing person found after 22 years
रमाकांत झा की पत्नी.

रमनकांत के मिलने की ख्रबर उसके गांव बिछौली पहुंची तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बेटा रोहित पिता को लेने के लिए बिहार से करनाल पहुंचा. रमाकांत का बेटा रोहित पिता से बिछड़ते समय 3 साल का था जो अब 25 साल का हो गया है. वो यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. 22 साल बाद पिता के मिलने की खबर से वो बेहद खुश है. रोहित ने पिता कहना छोड़ दिया था. उसकी मां को 22 साल बाद सुहाग मिल गया है. करनाल में परिवार के मिलन की ये तस्वीर देखकर हर कोई भावुक हो गया.

ये भी पढ़ें- पानीपत में सड़क हादसा: लापता बेटे की तलाश में निकले दंपति की मौत, ट्रक की चपेट में आई बाइक

करनाल: 22 साल पहले लापता हुआ एक व्यक्ति बुधवार को हरियाणा के करनाल में अपने परिवार को मिल गया. 22 साल के इस लंबे वक्त में 3 साल का बेटा 25 साल का हो गया. वो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगा. पत्नी हर रोज अपने पति की वापसी के इंतजार में दरवाजे पर नजरें टिकाये बैठी रहती. शिद्दत से की गई ये मोहब्बत आखिरकार रंग लाई और 22 साल बाद उसे उसका सुहाग और बेटे को पिता मिल गया. करनाल में परिवार का ये मिलन देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं.

बिहार के रमाकांत झा की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी जैसी है. हरियाणा और पंजाब से अंजान रमाकांत झा बिहार के दरभंगा जिले के बिछौली गांव से परिवार को छोड़कर रोजगार की तलाश में लुधियाना के लिए निकला था. जब वो रोजगार के लिए निकला तो घर में तीन साल का बेटा और पत्नी थी. लुधियाना जाते समय रास्ते में वो पानी पीने के लिए अंबाला रेलवे स्टेशन पर उतरा. जब तक वो पानी लाता गाड़ी स्टेशन से निकल गई. शहरी चकाचौंध से अनजान रमाकांत यहीं पर भटक गया और अपने घर वापस नहीं जा सका. इस दौरान उसकी मानसिक हालत और खराब हो गई जिसके चलते वो अपनी पहचान भी भूल गया.

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परिवार वालों ने दरभंगा में उसके गायब होने की एफआईआर भी लिखवाई थी लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर सकी. रमाकांत के परिजनों ने उसकी तलाश में रात दिन एक कर दिया. उसे हर जगह खोजने की कोशिश की लेकिन निराशा ही हाथ लगी. हताश होकर परिवार वाले भी घर बैठ गये लेकिन मिलने की उम्मीद नहीं छोड़ी. पत्नी ने पति के लौटने की उम्मीद में मांग से सिंदूर नहीं मिटाया. उसकी नजर हर रोज उसके लौटने की आस में दरवाजे पर टिकी रहतीं.

इसी बीच करनाल की समाजसेवी संस्था आशियाना के संचालक राजकुमार अरोड़ा को करीब दो महीने पहले रमाकांत करनाल शुगर मिल के पास बेबसी की हालत में मिला. उसकी सेहत बहुत खराब थी. वो एक ही जगह बैठा रहता था. किसी ने खाना दे दिया तो खा लिया वरना भूखा रहता. आशियाना संस्था संचालक राजकुमार अरोड़ा उसे अपने साथ ले गये. उसे नहलाया धुलाया. खाना खिलाया और उसका इलाज कराया. करीब डेढ़ से दो महीने इलाज के बाद रमाकांत की सेहत में सुधार हुआ तो उसे अपनी पहचान भी याद आ गई. जिसके बाद उसने अपनी कहानी राजकुमार को बता दी. उसकी बात सुनकर राजकुमार ने रमाकांत के गांव और एसपी दरभंगा को फोन किया.

Missing person found after 22 years
रमाकांत झा की पत्नी.

रमनकांत के मिलने की ख्रबर उसके गांव बिछौली पहुंची तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बेटा रोहित पिता को लेने के लिए बिहार से करनाल पहुंचा. रमाकांत का बेटा रोहित पिता से बिछड़ते समय 3 साल का था जो अब 25 साल का हो गया है. वो यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. 22 साल बाद पिता के मिलने की खबर से वो बेहद खुश है. रोहित ने पिता कहना छोड़ दिया था. उसकी मां को 22 साल बाद सुहाग मिल गया है. करनाल में परिवार के मिलन की ये तस्वीर देखकर हर कोई भावुक हो गया.

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