पटना : बिहार में आज की बड़ी खबर है. आरजेडी ने राज्यसभा के उम्मीदवारों का ऐलान (RJD candidate Announced for Rajya Sabha) कर दिया है. लालू यादव ने अपनी सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और मधुबनी के फैयाद अहमद को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है. मीसा भारती अभी निवर्तमान राज्यसभा सांसद हैं. उनका कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. वहीं फैयाज अहमद 2020 में बिस्फी विधानसभा से उम्मीदवार भी रहे हैं. साल 2020 में इन्होंने बीजेपी के हरिभूषण ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ा था. लेकिन लगभग 10 हजार मतों से चुनाव हार गए. फैयाज अहमद आरजेडी के करोड़पति उम्मीदवारों में से एक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में दिए आंकड़ों के मुताबिक फैयाज अहमद 11.7 करोड़ रुपए के मालिक है.
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मीसा भारती को राज्यसभा का टिकट: बिहार में पांच सीटों पर हो रहे राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2022) के बीच लालू यादव जैसे ही दिल्ली से पटना पहुंचे उम्मीदवारों को लेकर तस्वीरें साफ हो गईं. विधायकों की संख्या से जो समीकरण बन रहे हैं उसके मुताबिक बीजेपी से 2, राजद से 2 और जदयू से एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजा जा सकता है. राजद की तरफ से फैयाद अहमद का नाम घोषित कर दिया गया है. तो वहीं, मीसा भारती का नाम दूसरा लिफाफा खुलते ही सामने आया.
फैयाज अहमद से एमवाई समीकरण मजबूत: ये तय था कि लालू यादव राज्यसभा के लिए एक कैंडिडेट अल्पसंख्यक को बनाने वाले थे. चर्चा रुस्तम खान के नाम की भी हो रही थी. लेकिन इन तमाम चर्चा पर विराम लगाते हुए जब सीलबंद लिफाफा खोला गया तो उसमें फैयाज अहमद खाना का नाम था. अगर फैयाज अहमद को टिकट ना मिलता तो आरजेडी पर अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप मढ़ा जाता. क्योंकि दूसरी ओर शहाबुद्दीन की बेगम हिना शहाब को टिकट देने की मांग जोर पकड़ रही थी. फिलहाल सारे कयासों पर अब ब्रेक लग गया है.
राज्यसभा में आरजेडी के 5 सांसद: बता दें कि अभी राज्यसभा में आरजेडी के कोटे से 5 सांसद हैं. जिनमे प्रेमचंद गुप्ता, अमरेंद्र धारी सिंह, मनोज झा, अहमद अशफाक करीमी और मीसा भारती शामिल हैं. मीसा भारती का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है. वहीं, प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह का टर्म अप्रैल 2026 में पूरा हो रहा है, जबकि मनोज झा और अहमद अशफाक का टर्म अप्रैल 2024 में पूरा होगा.
10 जून को मतदान: बिहार समेत पंद्रह राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों (5 सीट बिहार की) के लिए 10 जून को चुनाव होंगे. जून और अगस्त महीने के बीच इन सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इन चुनावों के नतीजे आने के बाद उच्च सदन में जहां अकाली दल का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाने के आसार हैं, वहीं हाल ही में राज्यसभा में 100 सदस्यों का आंकड़ा पार करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संख्या कम होने की संभावना है.
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