श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में आतंकवाद अपने अंतिम चरण में है और सुरक्षा बलों ने लक्षित हत्याओं से निपटने के लिए रणनीति तैयार की है. सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कश्मीर के लोग घाटी में मौजूदा स्थिति को समझते हैं. धार्मिक नेताओं सहित कई लोगों ने हत्याओं की निंदा की है. चीजें बदल रही हैं.' उन्होंने कहा कि जब दीया बुझने वाला होता है, तो उसकी लौ अधिक होने लगती है, ये आतंकियों की घटती संख्या की ओर इशारा करती है.
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद अपने अंतिम चरण में है और आतंकवादी कश्मीर में हिंसा लाने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि अतीत में हुआ था. प्रशासन और सुरक्षा बल अपनी पूरी क्षमता से तैयारी कर रहे हैं और एक रणनीति तैयार की है जो सफल होगी.'
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं की 17 घटनाएं देखी गई हैं, जिनमें से एक पीएम पैकेज कर्मचारी राहुल भट और सांभा की एक महिला शिक्षक थी. इन हत्याओं के बाद, कई पीएम पैकेज कर्मचारी कश्मीर से जम्मू पलायन कर गए हैं. लक्षित हत्याओं को रोकने के लिए प्रशासन ने पीएम पैकेज कर्मचारियों की कॉलोनियों और कस्बों में सुरक्षा बढ़ा दी है.
सिन्हा ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि पड़ोसी देश यहां के हालात खराब करने पर आमादा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे साफ है कि वे सुरक्षा बलों को हताशा में कुछ करने के लिए उकसाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सुरक्षा बल निर्दोष लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा बलों की नीति यह है कि वे कभी भी निर्दोष नागरिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.'
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बता दें कि हत्याओं के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को दिल्ली में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ कई बैठकें कीं. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी उपस्थित थे.