लखनऊ: टेक्नालॉजी के इस युग में सुरक्षा और युद्ध का तरीका बदल रहा है. भविष्य में होने वाली जंग तकनीक के दम पर जीती जाएगी, ऐसे में मोदी सरकार भारतीय सेना को तैयार कर रही है. सुरक्षा के मामले में भी आत्मनिर्भर बन चुका भारत जल, थल और नभ में ड्रोन का चक्रव्यूह तैयार कर रहा है. वहीं राजधानी के मिलिंद राज (Milind Raj of Lucknow) सेना के लिए अत्याधुनिक ड्रोन का निर्माण करेंगे.
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम से प्रभावित होकर लखनऊ के रहने वाले ड्रोन स्पेशलिस्ट मिलिंद राज पिछ्ले कई वर्षों से ड्रोन के ज़रिए लोगों के जीवन को आसान बना रहे हैं. कोरोना काल में एंटी कोरोना ड्रोन (Anti-Corona Drone) और स्ट्रीट डॉग को बचाने के लिए सर्च एंड रेस्क्यू ड्रोन (Search and Rescue Drone) बनाने वाले मिलिंद अब डिफेंस के लिये ड्रोन व रोबोट्स बनाएंगे. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मिलिंद ने बताया कि बीते दिनों गुजरात में हुए डिफेंस एक्सपो में उन्होंने यूपी सरकार के साथ MoU किया है. इसके तहत वो यूपी की राजधानी में बनने वाले डिफेंस कॉरिडोर में स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम (Anti-Drone system), रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV), MDT Robotics and UAS बनाएंगे.
मिलिंद कहते हैं कि अगर आप मिलिट्री से अप्रूव्ड हैं तो समझिये दुनिया से अप्रूव्ड हैं. शुरू से मेरा सपना भारत में रक्षा उपकरण को नई तकनीक से जोड़ कर मजबूत कर डिफेंस में नई क्रान्ति लाना था. कोरिया, रूस व इजराइल समेत जितने भी शक्तिशाली देश हैं उनके पास आधुनिक तकनीक से लैस हथियार व ड्रोन हैं. इजरायल में एयर डोम एंटी मिसाइल सिस्टम है. हम चाहते हैं कि हमारे देश में भी ऐसी टेक्नोलॉजी हो.
मिलिंद के मुताबिक, बीते कुछ वर्षों में भारत में ड्रोन अटैक्स काफी संख्या में हुए हैं, इसमें खासतौर पर पाकिस्तान से आए दिन ड्रोन अटैक हुआ करता है. यह देखते हुए हम लोग स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम (Indigenous Anti-Drone System) बनाएंगे. मिलिंद कहते हैं कि लखनऊ में हम लोग ऐसे रोबोट तैयार कर रहे हैं जो जल, थल और वायु तीनों जगह चल सकते हैं. यही नहीं मुंबई ताज हमला दोबारा न हो सके उसके लिए हम लोग बेहद फूल प्रूफ टेक्नोलॉजी तैयार करेंगे.
मिलिंद कहते हैं कि लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर में वो रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) का भी निर्माण करेंगे. ये ऐसे वाहन या फिर ऐसे हथियार होंगे जो बिना किसी सेना जवान के व्यक्तिगत रूप से जाए बिना चलाया जा सकेगा. ये रीमोटली ऑपरेटेड व्हीकल बॉर्डर पर पेट्रोलिंग करने, आतंकियों के हमले व लैंड माइनिंग अटैक से निपटने के लिये काफी सहायक होंगे. साथ ही इसमें किसी भी जवान की मौत भी नहीं होगी.
रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब का होगा गठन : सुरक्षा के लिये रिसर्च एंड डेवलपमेंट बहुत ही महत्वपूर्ण सीढ़ी है. मिलिंद के मुताबिक, जर्मनी 70 से 80% बजट सिर्फ और सिर्फ रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए खर्च करती है. किसी भी टेक्नोलॉज़ी को धरातल पर लाने के लिये कई रिसर्च करने पड़ते हैं. इसके लिये रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) का होना जरूरी है, हम लोग लखनऊ में कई रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब का गठन करेंगे.
मिलिंद कहते हैं कि पहली बार है जब कोई सरकार डिफेंस में स्टार्टअप के लिए युवाओं को प्रेरित कर रही है. युवा डिफेंस के लिए बहुत कुछ करना चाहता हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाता था. अब मोदी सरकार ने डिफेंस एक्सपो जैसे कार्यक्रम कर हम युवाओं को मौका दिया है. मिलिंद कहते हैं कि सरकार की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है क्योंकि जिस तरह से वह युवाओं को डिफेंस में स्टार्टअब को बढ़ावा दे रही है, वह शायद ही किसी अन्य देश में होता होगा.
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