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Migrant Laborers Attack: प्रवासी मजदूरों पर हमले का वीडियो निकला फेक, बिहार जांच दल की जांच में हुआ साफ - प्रवासी कामगारों पर हमले का झूठा वीडियो

तमिलनाडु में उत्तरी कामगारों पर हमलों की झूठी रिपोर्ट के मद्देनजर, बिहार सरकार द्वारा नियुक्त 4 सदस्यीय निरीक्षण दल ने तमिलनाडु के तिरुपुर जिला समाहरणालय में आयोजित एक परामर्श बैठक में भाग लिया.

Migrant Laborers Attack
प्रवासी मजदूरों पर हमला
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Published : Mar 5, 2023, 9:51 PM IST

तिरुपुर: तमिलनाडु में प्रवासी कामगारों पर हमले का झूठा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसके बाद प्रवासी कामगार डर गए थे और उनमें से कई अपने गृहनगर वापस चले गए. इसे लेकर विभिन्न कंपनियों ने अपनी चिंता व्यक्त की थी. इस बीच, बिहार सरकार ने मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु भेजी है. यह टीम 4 मार्च को चेन्नई पहुंची और रविवार को उन्होंने तिरुपुर जिला समाहरणालय में एक परामर्श बैठक की.

इस परामर्श बैठक में बिहार राज्य ग्रामीण विकास स्थानीय निकाय के सचिव बालमुरुगन, श्रम आयुक्त आलोक कुमार, विशेष कार्य बल के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार, खुफिया विभाग के आईजी कन्नन और अन्य ने भाग लिया. तिरुपुर जिलाधिकारी विनीत, तिरुपुर मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त प्रवीण कुमार अभिनभु, तिरुपुर जिला पुलिस अधीक्षक साशांग साई, डिंडीगुल के डीआईजी अभिनव कुमार (बिहार के मूल निवासी), तिरुपुर के निर्यातक, उद्योगपति और श्रमिक संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली इस चर्चा में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और तमिलनाडु सरकार द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा हुई. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए बिहार राज्य ग्रामीण विकास स्थानीय निकाय सचिव बालमुरुगन ने कहा कि तिरुपुर जिला प्रशासन और तमिलनाडु सरकार को धन्यवाद. हमने बिहार संघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की. हमने यहां कई संघ प्रतिनिधियों के साथ बात की. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए झूठे वीडियो को तमिलनाडु की घटना बताकर फैलाए जाने से यह आशंका पैदा हुई थी.

आगे उन्होंने कहा कि तिरुपुर जिला प्रशासन के माध्यम से उन्होंने मार्च के बाद से उठाए गए कदमों के बारे में बताया. उन्होंने कंट्रोल रूम शुरू किया है, लाउडस्पीकर से हिंदी में घोषणाएं की हैं, निटवेअर कंपनियों के जरिए प्रवासी मजदूरों से निपटा है और अफवाह फैलाने वालों पर तुरंत केस दर्ज किया है. तमिलनाडु सरकार और जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम संतोषजनक हैं. उन्हें धन्यवाद! मैं इस बारे में हिंदी में ही बात कर रहा हूं. इसके प्रसारित होने से दूर होगा प्रवासी मजदूरों का डर.

पढ़ें: Bihar Association Of Tamil Nadu Appeals : सीएम ने जारी किया बयान, तमिलनाडु के बिहार एसोसिएशन ने उत्तर भारतीयों से की अपील

इसके बाद, तिरुपुर जिला पुलिस अधीक्षक साशंग साई ने कहा कि ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक पेजों पर गलत तरीके से पोस्ट करने वाले तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हमने मुकदमे दायर किए हैं और कुछ वीडियो पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूट्यूब और ट्विटर की सिफारिश की है. वे पैसे कमाने और दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए अफवाहें फैलाते हैं. हमने उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की भी सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि 600 से ज्यादा कॉल आ चुकी हैं और कंट्रोल रूम को निर्देश दिए गए हैं. हर कोई सिर्फ स्पष्टीकरण मांग रहा है. शिकायत अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.

तिरुपुर: तमिलनाडु में प्रवासी कामगारों पर हमले का झूठा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसके बाद प्रवासी कामगार डर गए थे और उनमें से कई अपने गृहनगर वापस चले गए. इसे लेकर विभिन्न कंपनियों ने अपनी चिंता व्यक्त की थी. इस बीच, बिहार सरकार ने मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु भेजी है. यह टीम 4 मार्च को चेन्नई पहुंची और रविवार को उन्होंने तिरुपुर जिला समाहरणालय में एक परामर्श बैठक की.

इस परामर्श बैठक में बिहार राज्य ग्रामीण विकास स्थानीय निकाय के सचिव बालमुरुगन, श्रम आयुक्त आलोक कुमार, विशेष कार्य बल के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार, खुफिया विभाग के आईजी कन्नन और अन्य ने भाग लिया. तिरुपुर जिलाधिकारी विनीत, तिरुपुर मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त प्रवीण कुमार अभिनभु, तिरुपुर जिला पुलिस अधीक्षक साशांग साई, डिंडीगुल के डीआईजी अभिनव कुमार (बिहार के मूल निवासी), तिरुपुर के निर्यातक, उद्योगपति और श्रमिक संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली इस चर्चा में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और तमिलनाडु सरकार द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा हुई. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए बिहार राज्य ग्रामीण विकास स्थानीय निकाय सचिव बालमुरुगन ने कहा कि तिरुपुर जिला प्रशासन और तमिलनाडु सरकार को धन्यवाद. हमने बिहार संघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की. हमने यहां कई संघ प्रतिनिधियों के साथ बात की. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए झूठे वीडियो को तमिलनाडु की घटना बताकर फैलाए जाने से यह आशंका पैदा हुई थी.

आगे उन्होंने कहा कि तिरुपुर जिला प्रशासन के माध्यम से उन्होंने मार्च के बाद से उठाए गए कदमों के बारे में बताया. उन्होंने कंट्रोल रूम शुरू किया है, लाउडस्पीकर से हिंदी में घोषणाएं की हैं, निटवेअर कंपनियों के जरिए प्रवासी मजदूरों से निपटा है और अफवाह फैलाने वालों पर तुरंत केस दर्ज किया है. तमिलनाडु सरकार और जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम संतोषजनक हैं. उन्हें धन्यवाद! मैं इस बारे में हिंदी में ही बात कर रहा हूं. इसके प्रसारित होने से दूर होगा प्रवासी मजदूरों का डर.

पढ़ें: Bihar Association Of Tamil Nadu Appeals : सीएम ने जारी किया बयान, तमिलनाडु के बिहार एसोसिएशन ने उत्तर भारतीयों से की अपील

इसके बाद, तिरुपुर जिला पुलिस अधीक्षक साशंग साई ने कहा कि ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक पेजों पर गलत तरीके से पोस्ट करने वाले तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हमने मुकदमे दायर किए हैं और कुछ वीडियो पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूट्यूब और ट्विटर की सिफारिश की है. वे पैसे कमाने और दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए अफवाहें फैलाते हैं. हमने उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की भी सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि 600 से ज्यादा कॉल आ चुकी हैं और कंट्रोल रूम को निर्देश दिए गए हैं. हर कोई सिर्फ स्पष्टीकरण मांग रहा है. शिकायत अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.

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