नई दिल्ली: बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर हुए हमले को लेकर केंद्र और राज्य में तनातनी बढ़ रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के तीन अफसरों को शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे दिल्ली बुलाया है. हालांकि राज्य ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए फिर अफसर भेजने से इनकार कर दिया. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक करने की मांग की, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया.
इससे पहले चले घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को दिल्ली तलब किया. माना जा रहा है कि बंगाल में कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा. गृह मंत्रालय सूत्रों के अनुसार बैठक की जानकारी गुरुवार को ही दे दी गई थी. बैठक आज शाम साढ़े पांच बजे से होनी है. जवाब में, राज्य सरकार ने महामारी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कराने की मांग की.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए सवाल उठाए कि ये विशेष रूप से चुनाव से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कि यह 'असंवैधानिक' है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत आईपीएस अधिकारियों के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का आदेश के लेकर ममता ने कहा था कि आईपीएस कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति और व्यापक दुरुपयोग है. ममता ने ट्वीट कर कहा कि यह असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है.
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केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को सोमवार को भी नॉर्थ ब्लॉक में बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन दोनों अफसर नहीं गए थे. मामले में राज्य सरकार ने केंद्र को सूचित किया था कि अधिकारी 'मौजूदा स्थिति के कारण' राज्य छोड़ने में सक्षम नहीं हैं.