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कोविड सेंटर घोटाला मामला : मुंबई में ईडी ने 10 से ज्यादा जगहों पर की छापेमारी

ईडी ने आज सुबह मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की है. इस छापेमारी से कोविड सेंटर में हुए कथित घोटाले में एक अलग मोड़ आने की संभावना है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 21, 2023, 2:22 PM IST

मुंबई : ईडी ने आज दस से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी कोविड सेंटर घोटाला मामले से संबंधित है. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि ठाकरे गुट की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं. बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि कोरोना के दौरान शुरू किए गए कोविड सेंटर में घोटाला हुआ है. ये छापेमारी कोविड सेंटर का काम देख रहे सुजीत पाटकर की संपत्ति पर की गई है. ईडी ने ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण और आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल के घर पर भी छापेमारी की है.

मार्च 2020 में मुंबई में कोरोना फैलने के बाद अस्पताल में बेड की संख्या कम हो रही थी. उस वक्त मुंबई नगर निगम से कोविड सेंटर शुरू करने का फैसला किया गया था. कोरोना काल में नागरिकों को राहत तब मिली जब नगर पालिका ने गोरेगांव, दहिसर, कांजुरमार्ग और मुलुंड में जंबो कोविड सेंटर शुरू किए.

क्या है आरोप : सोमैया ने आरोप लगाया है कि मुंबई नगर निगम ने बिना किसी तरह की पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के मुंबई में कई कोविड सेंटरों का ठेका एक फर्जी कंपनी को दे दिया. यह लाइफलाइन कंपनी सुजीत पाटकर की है. वह सांसद संजय राउत के करीबी हैं. किरीट सोमैया ने कंपनी की पात्रता पर सवाल उठाया है क्योंकि लाइफलाइन कंपनी पंजीकृत नहीं है और कंपनी के पास कोई कार्यालय या जनशक्ति नहीं है. सोमैया ने कहा था कि इंटेंसिव केयर कॉन्ट्रैक्ट देने का मतलब हजारों मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करना है.

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पुणे पुलिस में दर्ज हुआ केस अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने पुणे के जंबो कोविड सेंटर घोटाले को लेकर पुणे थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उस शिकायत के मुताबिक पुणे पुलिस ने डॉक्टर हेमंत रामशरण गुप्ता, सुजीत मुकुंद पाटकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुणे में जंबो कोविड सेंटर के प्रबंधन का ठेका संजय मदनराज शाह, राजू नंद कुमार सालुंखे की लाइफलाइन अस्पताल प्रबंधन सेवा को दिया गया था. ईडी ने मामले में जांच शुरू करने के बाद मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह को तलब किया है.

मुंबई : ईडी ने आज दस से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी कोविड सेंटर घोटाला मामले से संबंधित है. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि ठाकरे गुट की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं. बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि कोरोना के दौरान शुरू किए गए कोविड सेंटर में घोटाला हुआ है. ये छापेमारी कोविड सेंटर का काम देख रहे सुजीत पाटकर की संपत्ति पर की गई है. ईडी ने ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण और आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल के घर पर भी छापेमारी की है.

मार्च 2020 में मुंबई में कोरोना फैलने के बाद अस्पताल में बेड की संख्या कम हो रही थी. उस वक्त मुंबई नगर निगम से कोविड सेंटर शुरू करने का फैसला किया गया था. कोरोना काल में नागरिकों को राहत तब मिली जब नगर पालिका ने गोरेगांव, दहिसर, कांजुरमार्ग और मुलुंड में जंबो कोविड सेंटर शुरू किए.

क्या है आरोप : सोमैया ने आरोप लगाया है कि मुंबई नगर निगम ने बिना किसी तरह की पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के मुंबई में कई कोविड सेंटरों का ठेका एक फर्जी कंपनी को दे दिया. यह लाइफलाइन कंपनी सुजीत पाटकर की है. वह सांसद संजय राउत के करीबी हैं. किरीट सोमैया ने कंपनी की पात्रता पर सवाल उठाया है क्योंकि लाइफलाइन कंपनी पंजीकृत नहीं है और कंपनी के पास कोई कार्यालय या जनशक्ति नहीं है. सोमैया ने कहा था कि इंटेंसिव केयर कॉन्ट्रैक्ट देने का मतलब हजारों मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करना है.

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पुणे पुलिस में दर्ज हुआ केस अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने पुणे के जंबो कोविड सेंटर घोटाले को लेकर पुणे थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उस शिकायत के मुताबिक पुणे पुलिस ने डॉक्टर हेमंत रामशरण गुप्ता, सुजीत मुकुंद पाटकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुणे में जंबो कोविड सेंटर के प्रबंधन का ठेका संजय मदनराज शाह, राजू नंद कुमार सालुंखे की लाइफलाइन अस्पताल प्रबंधन सेवा को दिया गया था. ईडी ने मामले में जांच शुरू करने के बाद मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह को तलब किया है.

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