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महबूबा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कश्मीरी में राजनीतिक कैदियों की रिहा करने मांग की

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कश्मीर की जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आग्रह किया है.

महबूबा
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Published : May 7, 2021, 6:31 PM IST

श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कोविड -19 के प्रसार को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर में राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आग्रह किया है. मुफ्ती द्वारा लिखा पत्र सोशल मीडिया पर पीडीपी द्वारा प्रसारित किया गया था.

इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के कारण मरने वाले कैदियों के बारे में आई रिपोर्ट चिंताजनक है. इसके अलावा मेडिकल सुविधाओं की कमी पर भी परेशान करने वाली है.

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब प्रणाली इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे में कम से कम कैदियों को रिहा करने के लिए प्राथमिक्ता दी जा सकती है.

पत्र
महबूबा मुफ्ती का पत्र

महबूबा ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 से सैकड़ों, या हजारों कश्मीरी हिरासत में है और कई को जेल में डाल दिया गया, उन्हें रिहा कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकांश प्रतिबंधक कानूनों ( preventive laws ) के तहत हिरासत में हैं और किसी भी मुक्द्दमे का सामना नहीं कर रहे हैं. कई अदालतों द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया गया.

पढ़ें - यूरोपीय देशों से दिल्ली पहुंची कोविड-19 की सहायता खेप, 40 देश कर रहे मदद

उन्होंने कहा कि हाल ही में मुहम्मद अशरफ सेहराई ने कोरोना के कारण जेल में अपनी जान गंवा दी थी ,उन्हें जेल में सही इलाज नहीं मिला था.

महबूबा ने आगे इन बंदियों को तुरंत रिहा करना चाहिए ताकि वे ऐसे समय में घर लौट सकें जब उनका जीवन खतरे में है. मुझे आशा है कि आप इस मामले पर उचित विचार करेंगे और उनकी रिहाई का आदेश देंगे.

श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कोविड -19 के प्रसार को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर में राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आग्रह किया है. मुफ्ती द्वारा लिखा पत्र सोशल मीडिया पर पीडीपी द्वारा प्रसारित किया गया था.

इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के कारण मरने वाले कैदियों के बारे में आई रिपोर्ट चिंताजनक है. इसके अलावा मेडिकल सुविधाओं की कमी पर भी परेशान करने वाली है.

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब प्रणाली इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे में कम से कम कैदियों को रिहा करने के लिए प्राथमिक्ता दी जा सकती है.

पत्र
महबूबा मुफ्ती का पत्र

महबूबा ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 से सैकड़ों, या हजारों कश्मीरी हिरासत में है और कई को जेल में डाल दिया गया, उन्हें रिहा कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकांश प्रतिबंधक कानूनों ( preventive laws ) के तहत हिरासत में हैं और किसी भी मुक्द्दमे का सामना नहीं कर रहे हैं. कई अदालतों द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया गया.

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उन्होंने कहा कि हाल ही में मुहम्मद अशरफ सेहराई ने कोरोना के कारण जेल में अपनी जान गंवा दी थी ,उन्हें जेल में सही इलाज नहीं मिला था.

महबूबा ने आगे इन बंदियों को तुरंत रिहा करना चाहिए ताकि वे ऐसे समय में घर लौट सकें जब उनका जीवन खतरे में है. मुझे आशा है कि आप इस मामले पर उचित विचार करेंगे और उनकी रिहाई का आदेश देंगे.

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