श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हैदरपोरा मुठभेड़ (Hyderpora encounter) में आम नागरिकों की मौत मामले में एसआईटी द्वारा सुरक्षा बलों को क्लीन चिट देने पर सवाल उठाए हैं. मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ में विशेष जांच दल (SIT) द्वारा सुरक्षा बलों को दी गई क्लीन चिट आश्चर्यचकित नहीं करती है. साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एक गलत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, 'हैदरपोरा मुठभेड़ में सशस्त्र बलों को एसआईटी की क्लीन चिट आश्चर्यचकित नहीं करती है. यह विशुद्ध रूप से एक गलत अभियान की लीपापोती करने और बेकसूर नागरिकों की हत्या के दोषियों को दोषमुक्त करने के लिए थी.'
PAGD ने बताया 'पुरानी कहानी' की पुनरावृत्ति
वहीं, गुपकार घोषणा-पत्र गठबंधन (PAGD) ने कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ पर पुलिस की प्रेस वार्ता केवल 'पुरानी कहानी' की पुनरावृत्ति है और इसने घटना की न्यायिक जांच की मांग की. गुपकार गठबंधन ने कहा कि लोगों की एक मजबूत धारणा है कि घटना में मारे गए नागरिकों को सुरक्षा बलों द्वारा मानव ढाल बनाया गया था.
पीएजीडी के प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने एक बयान में कहा कि पिछले महीने हैदरपुरा की दुखद घटना के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रेस वार्ता पुरानी कहानी की पुनरावृत्ति है. यह चौंकाने वाली इस घटना की कोई वस्तुनिष्ठ तस्वीर भी पेश नहीं करती है. उन्होंने कहा कि बयान एक मनगढ़ंत कहानी प्रतीत होता है.
उन्होंने कहा, 'पीएजीडी का दृढ़ विश्वास है कि एक विश्वसनीय न्यायिक जांच से कम कुछ संदेह दूर होंगे. प्रशासन को बिना किसी देरी के समयबद्ध न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए.
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बता दें, डीआईजी सुजीत के सिंह की अध्यक्षता में पुलिस के विशेष जांच दल ने मंगलवार को हैदरपोरा मुठभेड़ में सुरक्षा बलों द्वारा किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया. गौरतलब है कि 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और तीन अन्य व्यक्ति मारे गए थे. पुलिस ने दावा किया था कि सभी मारे गए लोगों के आतंकवाद से संबंध थे. हालांकि, तीनों के परिवारों ने दावा किया था कि वे निर्दोष थे और उन्होंने कथित तौर पर किसी साजिश की आशंका जाहिर की थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच का आदेश दिया था.