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आमिर माग्रे का शव परिजनों को नहीं सौंपना अदालत के आदेश की अवहेलना: महबूबा

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते आमिर माग्रे के शव को दफन वाली जगह से निकालकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपने का आदेश दिया था. हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान मारे गए आमिर माग्रे को पुलिस ने आतंकवादी करार दिया था.

महबूबा मुफ्ती
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Published : Jun 2, 2022, 9:00 PM IST

श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि पिछले साल नवंबर में हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान मारे गए आमिर माग्रे के शव को परिजनों को नहीं सौंपना हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते आमिर के शव को दफन वाली जगह से निकालकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपने का आदेश दिया था. पुलिस ने आमिर को आतंकवादी करार दिया था.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'हम जहां आज की दुखद हत्या से दुखी हैं, वहीं उपराज्यपाल प्रशासन आमिर माग्रे का शव उसके परिवार को लौटाने के हाई कोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना कर रहा है. शोकसंतप्त पिता से एक संदेश मिला जो अभी भी अपने बेटे के अवशेषों के लिए भीख मांग रहा है. शर्मनाक और बेहद परेशान करने वाला.' उन्होंने आमिर के पिता लतीफ माग्रे द्वारा भेजे गए संदेश का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया.

यह भी पढ़ें- हैदरपोरा मुठभेड़ : कोर्ट के आदेश के बाद भी परिवार को बेटे का शव मिलने का इंतजार

आमिर के पिता ने पीडीपी अध्यक्ष से कहा कि वह संबंधित मुद्दा पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष उठाएं. न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने अपने 13-पृष्ठ के आदेश में जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा था कि वह याचिकाकर्ता की उपस्थिति में वाडर पाईन कब्रिस्तान से शव/अवशेषों को निकालने की व्यवस्था करे. हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान मारे गए दो और लोगों-अल्ताफ अहमद भट तथा डॉ. मुदासिर गुल के शवों को मुठभेड़ के कुछ दिन बाद कब्रिस्तान से निकालकर परिजनों को सौंप दिया गया था.

श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि पिछले साल नवंबर में हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान मारे गए आमिर माग्रे के शव को परिजनों को नहीं सौंपना हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते आमिर के शव को दफन वाली जगह से निकालकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपने का आदेश दिया था. पुलिस ने आमिर को आतंकवादी करार दिया था.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'हम जहां आज की दुखद हत्या से दुखी हैं, वहीं उपराज्यपाल प्रशासन आमिर माग्रे का शव उसके परिवार को लौटाने के हाई कोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना कर रहा है. शोकसंतप्त पिता से एक संदेश मिला जो अभी भी अपने बेटे के अवशेषों के लिए भीख मांग रहा है. शर्मनाक और बेहद परेशान करने वाला.' उन्होंने आमिर के पिता लतीफ माग्रे द्वारा भेजे गए संदेश का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया.

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आमिर के पिता ने पीडीपी अध्यक्ष से कहा कि वह संबंधित मुद्दा पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष उठाएं. न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने अपने 13-पृष्ठ के आदेश में जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा था कि वह याचिकाकर्ता की उपस्थिति में वाडर पाईन कब्रिस्तान से शव/अवशेषों को निकालने की व्यवस्था करे. हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान मारे गए दो और लोगों-अल्ताफ अहमद भट तथा डॉ. मुदासिर गुल के शवों को मुठभेड़ के कुछ दिन बाद कब्रिस्तान से निकालकर परिजनों को सौंप दिया गया था.

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