श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों में तीन पुलिसकर्मियों के शहीद होने के एक दिन बाद शनिवार को पीडीएफ प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का आह्वान किया. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय लोगों को भी संवाद में शामिल करने की मांग की.
पीडीपी प्रमुख कश्मीर में अनंतनाग जिले के लोगरीपोरा ऐशमुकाम इलाके में स्थित दिवंगत कॉन्स्टेबल सुहैल अहमद के घर गईं और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. अहमद श्रीनगर शहर के बाघाट इलाके में शुक्रवार को हुए आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे. इस हमले में अहमद के अलावा एक अन्य पुलिसकर्मी भी शहीद हुआ था, जबकि बडगाम जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी शहीद हुआ था. दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले स्थित बडीगाम में हुए मुठभेड़ में तीन आतंकवादी भी मारे गए थे.
मुद्दे का समाधान होना चाहिए
शहीद पुलिसकर्मी के परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने केंद्र से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ संवाद करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि आखिकार कब तक जम्मू-कश्मीर के लोग, उसके पुलिसकर्मी एवं युवा अपने जान की कुर्बानी देना जारी रखेंगे. महबूबा ने कहा, 'यह (कश्मीर मुद्दा) बड़ा मुद्दा है और इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए, ताकि जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा बंद हो और यहां लोग शांति से रह सकें.'
शुरू की जाए संवाद प्रक्रिया
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम हिंसा बंद करने के लिए संवाद शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार विचार करे और संवाद प्रक्रिया शुरू करे, ताकि खून खराबा बंद हो. हमारे कब्रिस्तान भर गए हैं. महबूबा ने कहा कि संवाद प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए.
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चाहे (लोगों से) यहां हो या पाकिस्तान से, क्योंकि वे अक्सर कहते हैं कि पाकिस्तान यहां हिंसा फैलाता है. हिंसा रोकने के लिए कम से कम संवाद प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.