नई दिल्ली: मैट्रिमोनियल साइट (Matrimonial Site) पर रिश्ते ढूंढने वाले सावधान हो जाएं क्योंकि इन साइटों पर अब ठगों का कब्जा हो गया है. ये ठग आपको अपना शिकार बना सकते हैं. दरअसल शाहदरा जिला के जगतपुरी इलाके में 26 साल की एक युवती ने मैट्रिमोनियल साइट पर अपना प्रोफाइल बनाया. जहां मनपीत नाम के व्यक्ति ने फेक आईडी बनाकर उससे शादी की इच्छा जताई.
दिल्ली की शाहदरा पुलिस ने एक ऐसे विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसने शादी का झांसा देकर 100 से ज्यादा महिलाओं से 25 करोड़ की ठगी की है. पुलिस ने मास्टरमाइंड के अलावा उसका साथ देने वाले दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वह महिलाओं से मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये संपर्क स्थापित करता था.
मनपीत ने उस युवती को बताया कि वह डॉक्टर है और लंदन में रहता है जिसके बाद दोनों के बीच व्हाट्सएप पर चैटिंग होने लगी. इस दौरान मनपीत उससे अपनी मजबूरियां गिनानें लगा. युवती को झासे में लेते हुए मनपीत ने उससे 15 लाख रुपये ठग लिए. युवती ने अपनी ज्वेलरी तक मुथूट बैंक में गिरवी रखकर उसे पैसे दिए, लेकिन उसकी मजबूरी की कहानियां यहीं खत्म नहीं हुईं. युवती को शक हुआ तो उसने मामले की शिकायत जगत थाने में दर्ज करवाई.
पढ़ें: पीड़ित बन 55 लाख लूट की कहानी बनाने वाला Driver ही निकला मास्टरमाइंड
मामले की शिकायत मिलने पर शाहदरा जिला के साइबर सेल के एसीपी मनोज पंत के सुपरविजन और इंस्पेक्टर विकास कुमार के नेतृत्व में SI राहुल, हेड कॉन्स्टेबल दीपक, कॉन्स्टेबल विकास, राजदीप और दीपशिखा की टीम का गठन किया गया. इस टीम ने उन सभी बैंक खातो का रिकॉर्ड खंगाला जिसमें ठगी की राशि को जमा किया गया था. जांच में पता चला कि बैंक अकाउंट दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों के बैंक में खोले गए हैं. जांच में यह भी सामने आया कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के एटीएम से धनराशि निकाली गई है. पीओएस स्वैपिंग मशीन से भी लेनदेन हुआ है. खाते के विवरण जांचने और कड़ी मेहनत के बाद टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लॉरेंस चीक नालिओ, अयोटुंडे ओकुनाडे और दीपक के तौर पर हुई है. लॉरेंस चीक नालिओ और अयोटुंडे ओकुनाडे नाइजेरिया के नागरिक हैं जबकि दीपक भारतीय है.
पढ़ें: नाेएडा में ऑनलाइन सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, एक गिरफ्तार
ऐसे जाल में फंसाते थे
पुलिस का कहना है कि पूछताछ और जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों विदेशी नागरिकों ने अलग-अलग मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर एनआरआई के नाम से प्रोफाइल बनाते थे. इसी तरह का एक फेक प्रोफ़ाइल मनमीत के नाम से भी बना रखा था. प्रोफेशन के तौर पर खुद को डॉक्टर और इंजीनियर बताते. इनके निशाने पर 35 साल से 40 साल के आसपास की उम्र की महिलाएं होतीं. एक बार बातचीत शुरू हो जाने पर यह महिला का विश्वास जितने की कोशिश करते और उसके बाद खुद को मुसीबत में फंसा बता कर किसी न किसी बहाने पैसे निकाल लेते. जो भी पैसे मिलते यह दोनों उस पैसे को नाइजीरिया में अपने परिवार वालों के अकाउंट में डाल देते थे.