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यूपी : पीएफआई के चार सदस्य दोषमुक्त, नहीं सिद्ध हुए आरोप

मथुरा के मांट उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के चार सदस्य को शांति भंग के मामले में दोष मुक्त करार दिया है. इस मामले में पुलिस छह माह का समय बीत जाने के बाद भी आरोप सिद्ध नहीं कर पाई.

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Published : Jun 16, 2021, 11:44 PM IST

मथुरा : मंगलवार को जिले के मांट उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के चार सदस्य को शांति भंग के मामले में दोष मुक्त करार दिया है. क्योंकि शांति भंग के मामले में पुलिस छह माह का समय बीत जाने के बाद भी पकड़े गए आरोपियों के आरोप सिद्ध नहीं कर पाई. जिसके चलते पीएफआई के सदसयो को आरोप मुक्त किया गया है फिलहाल पीएफआई के सदस्य अन्य मामले मे जिला कारागार मैं बंद रहेंगे.

दोष मुक्त के बावजूद जेल में ही रहना पड़ेगा

उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के चार सदस्यों को शांति भंग 151 की धारा में दोष मुक्त किया गया है. क्योंकि छह महीने से ज्यादा समय भी जाने के बाद भी पुलिस पॉपुलर फॉन्ट ऑफ इंडिया के सदस्यों पर शांति भंग का आरोप सिद्ध नहीं कर पाई, जिसके चलते मंगलवार को कोर्ट ने 151 की धारा में आरोप मुक्त कर दिया है. फिलहाल अन्य मामले में पीएफआई के सदस्यों को जेल मे ही रहना पड़ेगा.

पिछले साल 5 अक्टूबर को हुए थे गिरफ्तार

मांट टोल प्लाजा पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इनके पास से लैपटॉप मोबाइल, जस्टिस फॉर हाथरस लिखा पंपलेट बरामद किया गया था. पुलिस ने चारों आरोपी अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन, मसूद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

यह भी पढ़ें-बंगाल में 'खेला' के बाद भाजपा ने फिर कसी कमर, चुनावी राज्यों में बड़े नेताओं को कमान

पीएफआई मामले की एसटीएफ कर रही जांच

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई संगठन के पकड़े गए. सदस्यों के मामले में जांच नोएडा एसटीएफ की टीम कर रही है. फिलहाल जनपद के जिला कारागार में पीएफआई सदस्य अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम ,सिद्दीक कप्पन जिला कारागार में बंद है. पीएफआई सदस्यों पर देशद्रोह और विदेशों से फंडिंग के मामले मे नोएडा एसटीएफ ने पांच हजार पन्नो की चार्जसीट कोर्ट में दाखिल की थी.

पत्रकार दोष मुक्त

केरल निवासी सिद्दीक कप्पन दिल्ली में केरल यूनियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन संस्था में सदस्य के रूप में काम कर रहा है. पिछले साल 5 अक्टूबर को जनपत के मांट टोल प्लाजा पर शांति भंग के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोपी पक्ष अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि मांट उपजिलाधिकारी ने पीएफआई के चारों सदस्यों को शांति भंग 151 की धारा में दोष मुक्त किया है. पुलिस ने फर्जी 151 की धारा लगाकर सदस्यों को जेल भेज दिया था. छह माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोप सिद्ध नहीं कर पाई, जिसके चलते इन्हें दोष मुक्त किया गया है.

मथुरा : मंगलवार को जिले के मांट उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के चार सदस्य को शांति भंग के मामले में दोष मुक्त करार दिया है. क्योंकि शांति भंग के मामले में पुलिस छह माह का समय बीत जाने के बाद भी पकड़े गए आरोपियों के आरोप सिद्ध नहीं कर पाई. जिसके चलते पीएफआई के सदसयो को आरोप मुक्त किया गया है फिलहाल पीएफआई के सदस्य अन्य मामले मे जिला कारागार मैं बंद रहेंगे.

दोष मुक्त के बावजूद जेल में ही रहना पड़ेगा

उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के चार सदस्यों को शांति भंग 151 की धारा में दोष मुक्त किया गया है. क्योंकि छह महीने से ज्यादा समय भी जाने के बाद भी पुलिस पॉपुलर फॉन्ट ऑफ इंडिया के सदस्यों पर शांति भंग का आरोप सिद्ध नहीं कर पाई, जिसके चलते मंगलवार को कोर्ट ने 151 की धारा में आरोप मुक्त कर दिया है. फिलहाल अन्य मामले में पीएफआई के सदस्यों को जेल मे ही रहना पड़ेगा.

पिछले साल 5 अक्टूबर को हुए थे गिरफ्तार

मांट टोल प्लाजा पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इनके पास से लैपटॉप मोबाइल, जस्टिस फॉर हाथरस लिखा पंपलेट बरामद किया गया था. पुलिस ने चारों आरोपी अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन, मसूद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

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पीएफआई मामले की एसटीएफ कर रही जांच

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई संगठन के पकड़े गए. सदस्यों के मामले में जांच नोएडा एसटीएफ की टीम कर रही है. फिलहाल जनपद के जिला कारागार में पीएफआई सदस्य अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम ,सिद्दीक कप्पन जिला कारागार में बंद है. पीएफआई सदस्यों पर देशद्रोह और विदेशों से फंडिंग के मामले मे नोएडा एसटीएफ ने पांच हजार पन्नो की चार्जसीट कोर्ट में दाखिल की थी.

पत्रकार दोष मुक्त

केरल निवासी सिद्दीक कप्पन दिल्ली में केरल यूनियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन संस्था में सदस्य के रूप में काम कर रहा है. पिछले साल 5 अक्टूबर को जनपत के मांट टोल प्लाजा पर शांति भंग के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोपी पक्ष अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि मांट उपजिलाधिकारी ने पीएफआई के चारों सदस्यों को शांति भंग 151 की धारा में दोष मुक्त किया है. पुलिस ने फर्जी 151 की धारा लगाकर सदस्यों को जेल भेज दिया था. छह माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोप सिद्ध नहीं कर पाई, जिसके चलते इन्हें दोष मुक्त किया गया है.

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