रायपुर /दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बड़ा नक्सली हमला हुआ. नक्सलियों ने 10 जवानों समेत 1 ड्राइवर की जान ले ली. नक्सलियों ने ये हमला उस वक्त किया जब जवान सर्च ऑपरेशन के बाद वापस लौट रहे थे. सड़क के बीच छिपाकर रखे गए आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी जवानों का दल आ गया.जिसमें 10 जवान शहीद हो गए. इन्हीं जवानों में से एक जवान थे दिनेश कड़ती. दिनेश कड़ती नक्सली हमले में शहीद हुए हैं.
सरेंडर के बाद बने थे डीआरजी जवान : दंतेवाड़ा में मुन्ना कड़ती का जन्म हुआ था. मुन्ना लंबे समय तक लाल आतंक का साथ देता रहा. उसके खिलाफ इनाम भी दर्ज थे. लेकिन मुन्ना ने हथियार डाल कर करीब 8 साल पहले आत्म समर्पण कर लिया था. पुलिस ने मुन्ना की मदद से कई सक्सेसफुल ऑपरेशन भी किए. इसके बाद दंतेवाड़ा पुलिस ने 14 फरवरी को उसे डीआरजी में भर्ती किया. मुन्ना को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ समाज में भी सम्मान दिलाया. उनके बहादरी और काम की वजह से उन्हें प्रमोशन देकर प्रधान आरक्षक पदोन्नत किया गया. मुन्ना डीआरजी के कई ऑपरेशनों में शामिल भी रहा, लेकिन अरनपुर की इस घटना में 39 साल की उम्र में अपनी पत्नी, विधवा मां और बेटे को अकेला छोड़कर कर बस्तर की माटी के लिए शहीद हो गए.
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कौन थे मुन्ना कड़ती : मुन्ना कड़ती डीआरजी में प्रधान आरक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. मुन्ना कड़ती का जन्म 5 मार्च 1983 को हुआ था. साल 2017 की 14 फरवरी को मुन्ना कड़ती डीआरजी में भर्ती हुए. पिता का नाम स्वर्गीय सुकलू कड़ती और मां का नाम आयती है. मुन्ना कड़ती की शादी रामो से हुई थी. घर पर उनका एक छोटा बेटा भी है. परिवार में एक भाई भी है. मुन्ना कड़ती अपना फर्ज निभाते हुए शहीद हुए हैं. इस घटना से उनके पैतृक गांव मुड़ेर छोटे तुमनार थाना गीदम में शोक की लहर है.