नई दिल्ली: केंद्र सरकार (The Central government ) ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) को अपराध घोषित करने की याचिकाओं पर सुनवाई टालने का आग्रह किया. सरकार ने उच्च न्यायालय से कहा कि सरकार हर महिला की स्वतंत्रता, गरिमा और अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
केंद्र ने न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि वह एक समयबद्ध कार्यक्रम (Time-Bound Schedule) प्रदान करेगा जिसके भीतर वह इस मुद्दे पर एक प्रभावी परामर्श प्रक्रिया (Effective Consultative Process) को अंजाम देगा.
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अदालत अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगी. केंद्र ने हाल ही में उच्च न्यायालय से कहा है कि वह वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपने पहले के रुख पर फिर से विचार कर रहा है. इससे पहले 2017 में केंद्र ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं का विरोध किया था.
पीठ भारतीय दंड संहिता के तहत पतियों को दी गई बलात्कार के अपराध के लिए अभियोजन से छूट को रद्द करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.