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मराठा आरक्षण: जारांगे ने दी 24 दिसंबर की तारीख, तो सीएम शिंदे ने किया 2 जनवरी का ऐलान

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आंदोलकारी मनोज जारांगे ने जहां आरक्षण को लागू करने के लिए 24 दिसंबर तक का समय दिया है, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसके लिए 2 जनवरी तक की समय सीमा दी है. अब इन दो तारीखों को लेकर आंदोलनकारियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. Maratha Reservation, Chief Minister Eknath Shinde.

Agitator Manoj Jarange
आंदोलकारी मनोज जारांगे
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 5:54 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने आरक्षण की समय सीमा 24 दिसंबर तक घोषित की है, जबकि मुख्यमंत्री ने इसे 2 जनवरी घोषित किया है. इससे मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. अब राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को लेकर जारांगे पाटिल से मुलाकात करेगा. आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल ने सरकार की बात का समर्थन करते हुए गुरुवार को भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया.

जारांगे ने कहा कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण दे रही है, तो हम उन्हें समय देने के लिए तैयार हैं. तो अपना समय ले लो. लेकिन उन्होंने सरकार को 24 दिसंबर तक की डेडलाइन देते हुए कहा कि तुरंत आरक्षण दिया जाए. लेकिन जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरक्षण की तारीख 2 जनवरी तय की तो मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए 2 जनवरी तक का समय दिया है, तो तारीख को लेकर एक नया भ्रम पैदा हो गया है.

बीते 9 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल को मनाने के लिए एक रिटायर जज के साथ चार मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल सारती पहुंचा था. इस समय कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने खुद जारांगे पाटिल से 2 जनवरी तक का समय देने का अनुरोध किया था. लेकिन जारांगे ने 3 घंटे की लंबी चर्चा के बाद उन्हें 24 दिसंबर तक का ही समय दिया. इसके बाद यह स्पष्ट कर दिया गया कि एक भी दिन का समय नहीं दिया जाएगा.

साथ ही, जारांगे ने कहा कि जब हम पहले ही 40 दिन दे चुके हैं तो हमें और समय क्यों देना चाहिए? कहा गया कि चूंकि आप मराठा समुदाय को आरक्षण दे रहे हैं, इसलिए सरकार को 50 दिन का समय और दे रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल ने 2 जनवरी तक का समय दिया है. उनके इस बयान से आंदोलनकारियों में भ्रम पैदा हो गया.

छत्रपति संभाजीनगर: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने आरक्षण की समय सीमा 24 दिसंबर तक घोषित की है, जबकि मुख्यमंत्री ने इसे 2 जनवरी घोषित किया है. इससे मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. अब राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को लेकर जारांगे पाटिल से मुलाकात करेगा. आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल ने सरकार की बात का समर्थन करते हुए गुरुवार को भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया.

जारांगे ने कहा कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण दे रही है, तो हम उन्हें समय देने के लिए तैयार हैं. तो अपना समय ले लो. लेकिन उन्होंने सरकार को 24 दिसंबर तक की डेडलाइन देते हुए कहा कि तुरंत आरक्षण दिया जाए. लेकिन जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरक्षण की तारीख 2 जनवरी तय की तो मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए 2 जनवरी तक का समय दिया है, तो तारीख को लेकर एक नया भ्रम पैदा हो गया है.

बीते 9 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल को मनाने के लिए एक रिटायर जज के साथ चार मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल सारती पहुंचा था. इस समय कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने खुद जारांगे पाटिल से 2 जनवरी तक का समय देने का अनुरोध किया था. लेकिन जारांगे ने 3 घंटे की लंबी चर्चा के बाद उन्हें 24 दिसंबर तक का ही समय दिया. इसके बाद यह स्पष्ट कर दिया गया कि एक भी दिन का समय नहीं दिया जाएगा.

साथ ही, जारांगे ने कहा कि जब हम पहले ही 40 दिन दे चुके हैं तो हमें और समय क्यों देना चाहिए? कहा गया कि चूंकि आप मराठा समुदाय को आरक्षण दे रहे हैं, इसलिए सरकार को 50 दिन का समय और दे रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल ने 2 जनवरी तक का समय दिया है. उनके इस बयान से आंदोलनकारियों में भ्रम पैदा हो गया.

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