बीजापुर: कुटरू इलाके के दरबा गांव के दो परिवार को अपना घर, गांव, खेती, छोड़ कर जाना पड़ रहा है. इन परिवार के दो युवक सीआरपीएफ में भर्ती हुए हैं. जिसके बाद नक्सलियों नें उन्हें गांव छोड़ने का अल्टीमेटम दिया. नक्सलियों ने दोनों युवकों के सीआरपीएफ में भर्ती होने का विरोध किया. इसके साथ ही उन्हें इस गांव में खेती किसानी नहीं करने की हिदायत भी नक्सलियों ने दी है. माओवादियों की धमकी के बाद यह परिवार गांव छोड़ने को मजबूर हो गया. सोमवार शाम को पीड़ित परिवार ने गांव छोड़ दिया.
नक्सलियों ने दो दिन पहले दी थी परिवार को धमकी: नक्सलियों ने दो दिन पहले सीआरपीएफ जवान के परिवार को धमकी दी थी. इन दो जवानों में से एक के बड़े भाई को नक्सलियों ने रविवार को अगवा किया. फिर उसे अपने साथ ले गए. जवान के भाई को नक्सलियों ने करीब एक घंटे तक बंधक बनाकर रखा और फिर चेतावनी दी. जिसमें कहा कि आपके घर के युवा सीआरपीएफ में शामिल हुए हैं. आप लोग गांव छोड़ दीजिए. इस गांव में आपको नहीं आना है. अग आप यहां आते हैं तो आपके परिवार को मार दिया जाएगा.
"मेरे को नक्सलियों ने अगवा किया. फिर मुझे वह ले गए. नक्सलियों ने कहा कि आपके भाई सीआरपीएफ में भर्ती हुए हैं. इसलिए आप लोग यहां नहीं रह सकते. अगर आप लोग यहां रहेंगे तो आप लोगों को मार दिया जाएगा"- सीआरपीएफ जवान का भाई
"मेरी दो महीने पहले शादी हुई है. फिर मेरे पति चले गए. मेरे को पहले नहीं पता था कि मेरे पति कब सीआरपीएफ में भर्ती हुए. अब मैं अपने परिवार के साथ जा रही हूं. जहां ये लोग जा रहे हैं"- सीआरपीएफ जवान की पत्नी
" इस पूरी घटना के बारे में मीडिया से पता चला है. थाने में किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है. हमने सीआरपीएफ जवानों के पीड़ित परिवार को पुलिस कैंप के आस पास रहने की सलाह दी है. लेकिन जवानों के पीड़ित परिवार वालों ने अपने परिजन के यहां दंतेवाड़ा जाने का फैसला लिया" - विकास, SDOP बीजापुर
नक्सलियों की धमकी से डरा परिवार: नक्सलियों की धमकी से पूरा परिवार डर गया. उन्हें यह सूझ नहीं रहा था कि वो क्या करे. इसके बाद ही पूरा परिवार कुटरू ब्लॉक के दरबा गांव को छोड़ कर जाने को मजबूर हुआ. परिवार के दो युवा करीब 6 महीने पहले सीआपरीएफ में भर्ती हुए थे. बताया जा रहा है कि 35 हथियारबंद नक्सली इस परिवार के घर पहुंचे थे. उसके बाद उसके बड़े भाई को अगवा किया और धमकी दी. दोनों परिवार के करीब 11 सदस्यों ने गांव छोड़ दिया है. इनके पास करीब 8 एकड़ खेती, मकान और मवेशी थे. सबको छोड़कर गांव वाले चले गए.
बीजापुर के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों की दहशत बढ़ती जा रही है. इस घटना से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर सीआरपीएफ जवान के परिवार बीजापुर में सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की स्थिति कैसी होगी.