लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव में कई बाहुबलियों को हार का सामना करना पड़ा. गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्वांचंल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें भाजपा के राजेश त्रिपाठी ने हरा दिया. इसी तरह जौनपुर की मल्हनी सीट से जदयू के उम्मीदवार बाहुबली धनंजय सिंह को सपा के लकी यादव ने हरा दिया. ज्ञानपुर सीट से बाहुबली विजय मिश्रा भी हार गए. उन्हें निषाद पार्टी के विपुल दुबे ने हरा दिया.
चंदौली की सैयदराजा सीट से बाहुबली ब्रजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. अयोध्या की गोसाईगंज सीट से सपा के अभय सिंह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. इसी सीट से चुनाव लड़ रहीं बाहुबली इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी चुनाव हार गईं. वहीं, मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी विजयी रहे. वहीं, प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से चुनाव लड़े राजा भइया ने फिर जीत हासिल की है.
पहले चरण में 156 दागी थे मैदान में
पहले चरण के 623 में 615 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया. इसमें 156 प्रत्याशी ऐसे थे जिन पर आपराधिक मामले थे. सपा के 21, आरएलडी के 17, बीजेपी के 29, कांग्रेस के 21, बीएसपी के 19 और आप के 15 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज थे. 12 प्रत्याशियों के खिलाफ महिला संबंधी अपराध और छह प्रत्याशियों पर हत्या जैसे अपराध दर्ज थे.
दूसरे चरण में 147 प्रत्याशी उतरे थे
दूसरे चरण में 584 उम्मीदवारों में से 147 ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए थे. 113 प्रत्याशी ऐसे थे जिन पर गंभीर आपराधिक मामले थे. सपा के 35, कांग्रेस के 23, बसपा के 20, भाजपा के 18, रालोद के एक और आप के 7 प्रत्याशियों पर मामले दर्ज थे. सपा के 25, कांग्रेस के 16, बसपा के 15 और बीजेपी के 11 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे. कम से कम छह उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं. एक प्रत्याशी के खिलाफ हत्या और 18 के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज थे. इस चुनाव में 55 में 29 सीटें रेड अलर्ट जोन यानी ऐसी थी जहां के तीन या इससे अधिक प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले घोषित किए गए थे.
तीसरे चरण में 135 उम्मीदवार दागी थे
इस चरण में 623 उम्मीदवारों में 135 उम्मीदवार ऐसे थे जिन पर केस थे. 103 उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज थे. इस चरण के चुनाव में सपा के 30, भाजपा के 25, बीएसपी के 23, कांग्रेस के 20, आप के 11 प्रत्याशियों ने खुद पर केस घोषित किए थे. 11 प्रत्याशी ऐसे थे जिन के खिलाफ महिला अपराध के मामले घोषित थे. इस चरण में सपा के 21, बीजेपी के 20, बसपा के 18 कांग्रेस के 10 और आप के 11 उम्मीदवार ऐसे थे जिन पर गंभीर अपराध के केस चल रहे थे. दो उम्मीदवारों पर हत्या और 18 के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले घोषित थे.
चौथे चरण में 167 उम्मीदवार थे दागी
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक चौथे चरण के चुनाव में 621 में 167 उम्मीदवार ऐसे थे जिन पर आपराधिक मामले घोषित किए गए थे. इनमें से 129 उम्मीदवार ऐसे थे जिनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित थे. इनमें कांग्रेस के 31, सपा के 30, बसपा के 26, भाजपा के 23, आप के 11 प्रत्याशी शामिल हैं. इस चरण में पांच उम्मीदवारों पर हत्या और 14 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास के आरोप हैं.
पांचवें चरण में 185 दागी थे मैदान में
एडीआर की रिपोर्ट की मानें तो पांचवें चरण में 685 में 185 उम्मीदवारों पर केस दर्ज हैं. 141 उम्मीदवार ऐसे थे जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे. सपा के 42, अपना दल एस के चार, बीजेपी के 25, बसपा के 23, कांग्रेस के 23 और आप के 10 उम्मीदवारों पर केस दर्ज थे. इनमें से सपा के 29, अपना दल (एस) के दो, बीजेपी के 22, बसपा के 17, कांग्रेस के 17 और आप के सात प्रत्याशी ऐसे थे जिन पर गंभीर आपराधिक मामले थे. 12 दागी ऐसे थे जिनके खिलाफ महिला अपराध के मामले चल रहे हैं. एक रेप का आरोपी भी चुनाव लड़ रहा था. 8 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज (आईपीसी की धारा-302) होने की जानकारी दी थी.
छठवें चरण में 182 बाहुबली थे मैदान में
छठवें चरण के चुनाव में 182 उम्मीदवारों पर मुकदमे चल रहे थे. इनमें से सपा के 40, भाजपा के 23, कांग्रेस के 22, बसपा के 22, आप के सात प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमे हैं. इनमें से सपा के 29 व भाजपा के 20 प्रत्याशियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे हैं. दो उम्मीदवारों पर दुराचार, दो पर रेप और आठ पर हत्या के मामले चल रहे हैं. 23 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास के केस चल रहे हैं. 57 में 37 विधानसभाएं ऐसीं थीं जहां तीन या तीन से ज्यादा प्रत्याशियों पर आपराधिक केस थे. इस चरण में सबसे ज्यादा दागी मैदान में थे.
सातवें चरण में 170 दागी थे मैदान में
सातवें चरण में 607 प्रत्याशियों के शपथपत्र के विश्लेषण में 170 दागी ऐसे मिले थे जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 131 ऐसे प्रत्याशी हैं जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं. सपा के 26, बीजेपी के 26, बसपा के 20 व कांग्रेस के 20 उम्मीदवारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से सपा के 20, बीजेपी के 19, बसपा के 13, कांग्रेस के 12 और आप के 7 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 11 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं. सात उम्मीदवारों ने खुद पर हत्या और 25 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास के मामले घोषित किए हैं. सातवें चरण में 54 में से 35 संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर तीन या इससे अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले घोषित किए गए हैं.
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