जयपुर. राजधानी के एक निजी होटल में शुक्रवार को आयोजित जर्नलिज्म टॉक शो (manvendra singh in journalism talk show) के एक सेशन के दौरान पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह ने भारत की सुरक्षा नीति, चीन और कारगिल (manvendra singh speak on kargil war incident) जैसे मसलों पर अपनी बात रखी . उन्होंने इस सेशन के दौरान बातचीत में भारत की अप्रोच को लेकर सवाल खड़े किये. इसके साथ ही कारगिल की लड़ाई के पहले का एक अनुभव भी साझा किया.
उन्होंने बताया कि कैसे तत्कालीन विदेश मंत्री और अपने पिता जसवंत सिंह के अलावा रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को कारगिल पर काबिज दुश्मन की जानकारी मिली थी. इसके बाद दोनों शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री को इस बारे में जानकारी दी और अपने विदेश दौरे को टाल दिया. उन्होंने बताया कि कैसे इस लड़ाई को आज के दौर में लद्दाख के जरिये चीन की नीति से जोड़कर देखा जा सकता है.
जसवंत सिंह ने जॉर्ज को किया था कॉल
बातचीत के दौरान मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि एक पूर्व सैन्य अफसर होने के नाते अपने साथी अफसर के जरिये यह जानकारी उन्हें मिली थी. इस दौरान यह बताया कि कैसे कुपवाड़ा से एक विंग को आनन-फानन में हेलीकॉप्टर के जरिये द्रास में भेजा था. मई के महीने में आम तौर पर इस क्षेत्र में सेना का कोई मूवमेंट नहीं होता था. लिहाजा अगली सुबह इसकी सूचना उन्होंने विदेश जाने की तैयारी कर रहे जसवंत सिंह को दी. जसवंत सिंह ने तत्काल जॉर्ज फर्नांडिस को कॉल किया और इस तरह से फर्नांडिस समेत प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी को कारगिल में घुसपैठ की इत्तला मिली थी. उन्होंने कहा कि आज दो दशक बाद कारगिल जैसे हालात ही चीन की सीमा पर हो गए हैं.
चीन पर सख्ती जरूरी
कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह ने देश की रक्षा नीति को लेकर सवाल खड़े किए. खासतौर पर भारत और चीन के संबंधों को लेकर उन्होंने एतराज जताया और मौजूदा नीति पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि अगर हम वर्तमान संकट को नहीं समझेंगे तो भविष्य में यह बड़ा खतरा साबित हो सकता है. उन्होंने 1999 में कारगिल वार से तुलना करते हुए कहा कि लद्दाख और कारगिल की स्थिति में काफी फर्क है. जब भारतीय सेना इच्छाशक्ति के दम पर कारगिल विजय हासिल कर सकती है तो लद्दाख में ऊंचाई पर बैठे चीनी सेना से कब्जा क्यों नहीं ले सकती है.
इस दौरान उन्होंने कुछ उदाहरण दिए और चीन के साथ हो रहे व्यापार, समझौते और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर भी सवाल उठाए. मानवेंद्र सिंह ने कहा कि अगर हम अपनी जमीन का सौदा चीन के साथ कुछ सस्ते चाइनीज सामान और बड़े रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रूप में करेंगे तो हमें अपनी सुरक्षा से भी समझौता करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि न सिर्फ पहाड़ के जरिए बल्कि जमीनी संकट के जरिए चीन आज हर मोर्चे पर हमारे सामने खड़ा है. कच्छ से लेकर ग्वादर तक पाकिस्तान को सेना के लिए साजो सामान मुहैया करवाकर चीन हमारे लिए जल क्षेत्र में भी चुनौती पेश कर रहा है. जल्द ही वह वक्त आएगा जब वह हवाई क्षेत्र के जरिए भी भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकेगा. इसलिए भारत को संभल कर रहना होगा.