मुंबई : व्यापारी मनसुख हिरेन की डायटम जांच (डूबकर मौत से संबद्ध मेडिकल जांच) रिपोर्ट से पता चलता है कि जब वह पानी में गिरे थे तब वह जिंदा थे. वैसे यह रिपोर्ट निर्णायक नहीं है.
महाराष्ट्र का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) हिरेन की रहस्यमय मौत की जांच कर रहा है.
डायटम जांच डूबकर होने वाली मौत की जांच एवं उसकी पुष्टि में एक अहम माध्यम होती है.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, 'डायटम जाचं रिपोर्ट बताती है कि जब वह (हिरेन) पानी में गिरे थे तब वह जिंदा थे. उनके फेफड़े में पानी घुस जाने का पता चला है. हमने इस डायटम बोन नमूने को हरियाणा स्थित अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा है.'
उन्होंने कहा, 'जांचकर्ताओं को डायटम जांच रिपोर्ट मिल गयी है लेकिन यह निर्णायक नहीं है.'
अधिकारी ने कहा कि विसरा, रक्त नमूने, नाखून क्लिपिंग की रिपोर्ट का भी इंतजार है.
एटीएस के डीआईजी शिवदीप ने डायटम बोन नमूने हरियाणा स्थित प्रयोगशाला में भेजे जाने की पुष्टि की.
उन्होंने कहा, 'एटीएस उन तीन डॉक्टरों का बयान दर्ज करेगी जिन्होंने कालवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में हिरेन का पोस्टमार्टम किया था.'
इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जांच दल इस बात की भी जांच करेगा कि पोस्टमार्टम के समय सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे अस्पताल में क्यों मौजूद थे.
उल्लेखनीय है कि मुंबई के कारमाइकल रोड पर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के समीप 25 फरवरी को विस्फोटक से भरी एक स्कोर्पियो मिली थी.
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पांच मार्च को हिरेन ठाणे में मृत मिले थे.
विभिन्न हलकों में हिरेन की मौत में 'मुठभेड़ विशेषज्ञ' वाजे की भूमिका होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है. संबंधित स्कोर्पियो वाहन हिरेन के पास ही था.