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'Mann Ki Baat' impact: 'मन की बात' कार्यक्रम से लोगों के व्यवहार में हुआ बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का आज 100वां एपिसोड प्रसारित होगा. 'मन की बात' कार्यक्रम का प्रसारण संयुक्त राष्ट्र से भी किया जाएगा. वहीं, इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के चेयरमैन डॉ अमित कपूर ने 'मन की बात' की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि 'मन की बात' कार्यक्रम से लोगों में बड़ा बदलाव देखा गया है.

Mann Ki Baat impact
मन की बात
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Published : Apr 30, 2023, 10:31 AM IST

नई दिल्ली: इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के चेयरमैन डॉ अमित कपूर ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की तारीफ की. उन्होंने कहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रसारण से लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आया है. लोगों को भारत सरकार की तमाम योजनाओं के बारे में जानने को मिला है. कपूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों से उन मुद्दों पर बातचीत की जो नागरिकों के लिए मायने रखते हैं. कपूर प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान (आईएफसी), एक्सिस माई इंडिया और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 'मन की बात' के प्रभाव पर रिपोर्ट पर बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने लोगों के साथ जिस तरह की बातचीत की, उससे हमने लोगों के व्यवहार में बदलाव देखा. लगभग 100 करोड़ लोगों ने पीएम मोदी के 'मन की बात' को सुना है. कार्यक्रम में शोध में नॉलेज पार्टनर रहे 'एक्सिस माई इंडिया' के संस्थापक और सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि पीएम मोदी की बातचीत के कारण लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हैं.

यह अपने आप में एक अलग तरह का अध्ययन था, क्योंकि हमें यह जानना था कि मन की बात ने लोगों के जीवन में किस तरह के बदलाव किए. अलग-अलग मुद्दों का अलग-अलग जगहों पर प्रभाव पड़ा. उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश के बैतूल गांव में लोग शुरू में खुद को टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं होते लेकिन जब पीएम मोदी ने इस बारे में उनसे सीधे बातचीत की. इसके बाद कुछ दिनों के भीतर प्रत्येक ग्रामीण को टीका लगवाया.

ये भी पढ़ें- Mann Ki Baat: 'मन की बात' कार्यक्रम की 100वीं कड़ी का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सीधा प्रसारण होगा

उन्होंने कहा कि 'मन की बात' को सुनना एक बात है, प्रभावित होना दूसरी बात और तीसरी चीज है बदलाव. मुझे लगता है कि जब अधिक लोग मन की बात के एपिसोड को सुनेंगे तो वे बदलाव करना शुरू करेंगे.

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में डिप्टी डायरेक्टर अर्चना व्यास ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा एक्सिस माई इंडिया और आईएफसी के भागीदारों के रूप में उन्होंने मन की बात के सभी एपिसोड को देखा. प्रधानमंत्री द्वारा उजागर किए गए विषयों के बारे में एक गहन विश्लेषण किया. व्यास ने कहा कि मन की बात शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी तक पहुंच गई है. यह कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ, जब नरेंद्र मोदी ने मई में प्रधानमंत्री कार्यालय का कार्यभार संभाला था.

(एएनआई)

नई दिल्ली: इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के चेयरमैन डॉ अमित कपूर ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की तारीफ की. उन्होंने कहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रसारण से लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आया है. लोगों को भारत सरकार की तमाम योजनाओं के बारे में जानने को मिला है. कपूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों से उन मुद्दों पर बातचीत की जो नागरिकों के लिए मायने रखते हैं. कपूर प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान (आईएफसी), एक्सिस माई इंडिया और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 'मन की बात' के प्रभाव पर रिपोर्ट पर बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने लोगों के साथ जिस तरह की बातचीत की, उससे हमने लोगों के व्यवहार में बदलाव देखा. लगभग 100 करोड़ लोगों ने पीएम मोदी के 'मन की बात' को सुना है. कार्यक्रम में शोध में नॉलेज पार्टनर रहे 'एक्सिस माई इंडिया' के संस्थापक और सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि पीएम मोदी की बातचीत के कारण लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हैं.

यह अपने आप में एक अलग तरह का अध्ययन था, क्योंकि हमें यह जानना था कि मन की बात ने लोगों के जीवन में किस तरह के बदलाव किए. अलग-अलग मुद्दों का अलग-अलग जगहों पर प्रभाव पड़ा. उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश के बैतूल गांव में लोग शुरू में खुद को टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं होते लेकिन जब पीएम मोदी ने इस बारे में उनसे सीधे बातचीत की. इसके बाद कुछ दिनों के भीतर प्रत्येक ग्रामीण को टीका लगवाया.

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उन्होंने कहा कि 'मन की बात' को सुनना एक बात है, प्रभावित होना दूसरी बात और तीसरी चीज है बदलाव. मुझे लगता है कि जब अधिक लोग मन की बात के एपिसोड को सुनेंगे तो वे बदलाव करना शुरू करेंगे.

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में डिप्टी डायरेक्टर अर्चना व्यास ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा एक्सिस माई इंडिया और आईएफसी के भागीदारों के रूप में उन्होंने मन की बात के सभी एपिसोड को देखा. प्रधानमंत्री द्वारा उजागर किए गए विषयों के बारे में एक गहन विश्लेषण किया. व्यास ने कहा कि मन की बात शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी तक पहुंच गई है. यह कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ, जब नरेंद्र मोदी ने मई में प्रधानमंत्री कार्यालय का कार्यभार संभाला था.

(एएनआई)

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