नई दिल्ली : कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के आवास पर हमले और प्रदर्शन की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सिब्बल के आवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार पर चढ़कर प्रदर्शन किया. यह गुंडागर्दी नहीं तो और क्या है.
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि कपिल सिब्बल के आवास के बाहर कल रात हुए सुनियोजित उपद्रव की निंदा करता हूं. इस हमले के जो सूत्रधार हैं उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि वह (सिब्बल) कांग्रेस के लिए अदालत के बाहर और भीतर दोनों जगह लड़ते हैं. आप उनके विचारों से असहज जरूर हो सकते हैं, लेकिन इन विचारों को हिंसा से नहीं दबाया जा सकता.
बता दें कि बुधवार शाम को कांग्रेस कार्यकर्ता कपिल सिब्बल के जोरबाग स्थित आवास पर पहुंचे और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधने को लेकर उनका विरोध किया. इतना ही नहीं इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथ में 'गेट वेल सून कपिल सिब्बल' का बैनर लिया हुआ था. पार्टी महासचिव अजय माकन ने कपिल सिब्बल पर पलटवार करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने ही सिब्बल को केंद्रीय मंत्री बनाया था.
बता दें इससे पहले, बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए आश्चर्य जताया कि पार्टी में कौन फैसले ले रहा है. उन्होंने कहा कि जी-23 द्वारा पत्र लिखे जाने के एक साल बाद भी पार्टी नेताओं की संगठनात्मक चुनाव की मांग पूरी नहीं हुई है.
सिब्बल ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि सभी निर्णय कौन ले रहा है. हम इसे जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते, शायद मेरे एक वरिष्ठ सहयोगी ने सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखा है या लिखने वाले हैं, ताकि बातचीत शुरू की जा सके.
उन्होंने उन नेताओं से लौट आने की अपील की, जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है और कहा कि यह कहना विडंबना है कि हम पार्टी छोड़ने जा रहे हैं. जो शीर्ष नेतृत्व के करीबी माने जाते थे, उन्होंने पार्टी छोड़ दी है और जो करीबी नहीं माने जाते थे, वे अभी भी पार्टी के साथ खड़े हैं. हम जी-23 हैं न कि जी-हुजूर 23.
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सिब्बल ने कहा कि वह उन कांग्रेस सदस्यों की ओर से बोल रहे हैं, जिन्होंने अगस्त 2020 में पत्र लिखा था और सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव के संबंध में नेतृत्व द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
पिछले साल अगस्त में, 23 नेताओं के एक समूह ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में चुनाव और दृश्यमान व प्रभावी नेतृत्व की मांग की थी. कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी आगे बढ़ेगी, लेकिन उसने चुनाव नहीं कराए हैं.